- हमारी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है
- सरकार हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांवों से चलने वाली सरकार
- राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध
- 190.647 करोड़ रुपये की 12 योजनाओं का उद्घाटन, 123.48 करोड़ रुपये की 14 योजनाओं की रखी आधारशिला
Ranchi : सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर झारखंड विकास के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. संथाल परगना से खींची गई विकास की लकीर अब राजधानी रांची तक फैलेगी.
यह सिर्फ भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है. आने वाले समय में यह फ्लाइंग इंस्टीट्यूट राज्य के युवाओं के सपनों को साकार करने के साथ-साथ झारखंड को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में देशभर में एक विशिष्ट पहचान दिलाएगा.
वर्ष 2008 में जिसकी आधारशिला रखी गई थी, उस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट ने आज अपने सपनों के पंख खोल दिए हैं. यह सिर्फ एक संस्थान नहीं बल्कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज सिदो–कान्हू एयरपोर्ट, दुमका से "झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट" के उद्घाटन समारोह में कहीं.
पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
इस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के माध्यम से पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इनमें से 15 पायलटों के प्रशिक्षण का पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी.
इससे झारखंड के युवाओं को न केवल उच्चस्तरीय विमानन प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे. कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए हवाई जहाज से हजारों प्रवासी श्रमिकों को उनके घर सुरक्षित वापस लाया था.
आज, उन्हीं श्रमिक परिवारों के बेटों और बेटियों में से पायलट और विमान इंजीनियर तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है. यह बदलाव की वह कहानी है जो झारखंड की नई उड़ान का संकेत दे रही है.
हमारी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है
“हमारी सरकार जो कहती है, करके दिखाती है,”— राज्य की आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में विशेष कदम उठाए हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना से गुणवत्ता शिक्षा पहुंचने लगी है, जिससे युवाओं का सर्वांगीण विकास संभव हो रहा है. विशेष रूप से, "मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना" राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को विदेश भेजकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का काम करती है. इस योजना के तहत हर वर्ष 25 छात्र-छात्राओं को चयनित कर उनकी विदेश में पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है.
गांवों से चलने वाली सरकार
हमारी सरकार हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांवों से चलने वाली सरकार है. इस दिशा में "सेवा का अधिकार" कार्यक्रम एक अहम पहल बनकर उभरा है, जिसके तहत अधिकारी अब पंचायत स्तर पर जाकर सीधे ग्रामीण जनता की समस्याओं को सुनकर समाधान कर रहे हैं. कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों और पंचायतों में शिविर लगाकर सरकारी सेवाओं और योजनाओं के लाभ सीधे जनता तक पहुंचाए जा रहे हैं.
समय सीमा में समस्याओं का निपटारा नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय सीमा में समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो उन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. सेवा का अधिकार सप्ताह के दौरान जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृति आदि की सुविधा ग्राम स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है.
साथ ही आप सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन भी शिविरों में ही कर सकते हैं. राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है. इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से किसानों की जीवनशैली में सुधार होगा.
सीएम ने कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों की 190.647 करोड़ रुपये की 12 योजनाओं का उद्घाटन एवं 123.48 करोड़ रुपये की 14 योजनाओं की आधारशिला रखी.
साथ ही 23 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया, जिससे उन्हें आजीविका संवर्द्धन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नई संभावनाएं प्राप्त हुईं. वितरित परिसंपत्तियों में दिव्यांगों के लिए मोटर ट्राइसाइकिल, मोटरसाइकिल, मिनी मेडिकल यूनिट, बस, जेयूएन छात्रावास और वित्तीय सहायता आदि शामिल हैं.




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