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दिलचस्प होगा घाटशिला उपचुनाव, सियासी गलियारों में हलचल तेज, दांव पर होगी भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा

Ranchi : घाटशिला उपचुनाव कई मायनों में दिलचस्प होगा. भाजपा के साथ झामुमो भी अपनी ताकत झोंकेगी. हालांकि उपचुनाव के लिए एनडीए और महागठबंधन दोनों ने अभी तक अपने  पत्ते नहीं खोले हैं. उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है.  

 

इस सीट पर झामुमो का दावा है, लेकिन पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है. सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा के दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर होगी. 

 

उम्मीदवारों के नाम पर अटकलें

राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि झामुमो से रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन और भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन के नामों पर विचार किया जा रहा है.

 

झामुमो का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उचित समय पर उम्मीदवार की घोषणा करेंगे, जबकि भाजपा का कहना है कि राज्य स्तर पर योग्य उम्मीदवारों के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को जल्द ही सूचित किया जाएगा.

 

भाजपा के लिए कई मायनों में अहम है यह चुनाव

घाटशिला उप चुनाव भाजपा के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है. इसकी वजह यह है कि 2000 के चुनाव में 28 एसटी आरक्षित सीटों में से 14 पर कब्जा करने वाली भाजपा के पास अब केवल एक एसटी सीट है. भाजपा  ने 2024 के चुनाव में चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह रामदास सोरेन से हार गए थे.

 

क्या है झामुमो की स्थिति

2024 के चुनाव में, महागठबंधन से झामुमो ने 20 एसटी सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने सात सीटें जीतीं, जिससे भाजपा के अरमानों में पानी फिर गया था. झामुमो इस बार भी अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है.

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