Ranchi : स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान पखवाड़ा के अंतर्गत समुदाय को मलेरिया से बचाव और झारखंड को मलेरिया मुक्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड एवं टी.सी.आई. फाउंडेशन द्वारा तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए शशि प्रकाश झा, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के निर्देशन में राज्य वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए संकल्पबद्ध है. उन्होंने जिला स्तर से आए सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि मलेरिया उन्मूलन गतिविधियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और ट्रैक, टेस्ट व ट्रीट रणनीति का पूरी तरह पालन किया जाए.
कार्यशाला के समापन सत्र के दौरान डॉ. कल्पना बरुआ, एनसीवीबीडीसी, भारत सरकार ने झारखंड में मलेरिया उन्मूलन के तहत किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान कर उत्साहवर्धन किया.
एनसीवीबीडीसी, भारत सरकार की संयुक्त निदेशक, डॉ. रिंकू शर्मा ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर मलेरिया जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मरीजों का समय पर उपचार होना आवश्यक है ताकि उन्हें पूरी तरह स्वस्थ किया जा सके.
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग, झारखंड, डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष राज्य में लगभग 22,000 मलेरिया रोगियों की पहचान की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम है. उन्होंने कहा कि मच्छरों के काटने से फैलने वाली मलेरिया बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया है. इसके साथ ही बुखार के मरीजों का मलेरिया टेस्ट कर समय से उपचार सुनिश्चित किया गया, जिससे संक्रमण को रोका जा सका.
विश्व स्वास्थ्य संगठन, झारखंड के राज्य वेक्टर जनित रोग अधिकारी, डॉ. अभिषेक पॉल ने प्रतिभागियों को मलेरिया संक्रमण और रोकथाम की रणनीतियों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोकने और समय पर जांच व उपचार से मलेरिया के मामलों में कमी लाई जा सकती है और इससे असमय मौतों को भी रोका जा सकता है.
कार्यशाला में राज्य स्तर से सग्या सिंह, विनय कुमार, नीलम कुमार व टी.सी.आई. फाउंडेशन के महानिदेशक डॉ. मुनिस चंद्र, डॉ. रमेश धीमन, नैशनल टेक्निकल लीड, नमिता मेहता, वरिष्ठ प्रबंधक, डॉ. महेश कौशिक एवं डॉ. दिनकर ने भाग लिया. साथ ही बिहार, झारखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आए 31 राज्य स्तरीय अधिकारियों को मलेरिया उन्मूलन की विभिन्न रणनीतियों के बारे में जानकारी दी गई.
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