Ranchi: झारखंड में खासमहल प्रकृति की भूमि को लेकर लीज नवीकरण की सुस्त प्रक्रिया राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है. वर्तमान में राज्य में 58,751 हेक्टेयर खासमहल भूमि है, जो 10,518 लीजधारकों के नाम पर बंदोबस्त की गई है. इनमें से 9,562 लीजधारक आवासीय श्रेणी में आते हैं.हालांकि राज्य सरकार द्वारा कई बार निर्देश देने के बावजूद अब तक सिर्फ 700 लीजधारकों ने ही राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को लीज रिन्यूअल के लिए आवेदन दिया है. रिन्यूअल प्रक्रिया के लटकने के कारण सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है.
‘झारखंड खासमहल नीति 2025’ का प्रस्ताव
इस राजस्व क्षति और जटिल प्रक्रिया को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘झारखंड खासमहल नीति 2025’ बनाने का निर्णय लिया है. इस नीति के तहत खासमहल की जमीन को फ्री होल्ड किया जाएगा. सभी संबंधित विभागों से सहमति ली जा रही है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट में लिया जाना है.
क्या है खासमहल भूमि लीज रिन्यूअल की प्रक्रिया?
खासमहल भूमि पर रह रहे व्यक्ति सशर्त खरीद-बिक्री कर सकते हैं. लेकिन पहले लीज का नवीकरण कराना आवश्यक है. आवासीय जमीन के लिए: लीज रिन्यूअल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य का 15% सरकार को देना होता है.
व्यवसायिक जमीन के लिए: यह दर 30% निर्धारित है. हालांकि रिन्यूअल से पूर्व जिला प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि उक्त जमीन किसी सरकारी कार्य के लिए आवश्यक तो नहीं है. यह प्रक्रिया पूरे मामले को पेचीदा और धीमा बना देती है.
नई नीति से क्या होगा लाभ?
‘खासमहल नीति 2025’ के लागू होने के बाद -
लीजधारकों को मालिकाना हक मिल सकेगा.
सरकार को एकमुश्त राजस्व प्राप्ति होगी.
भूमि विवादों में कमी आएगी.
राज्य की अचल संपत्ति बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता आएगी.
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