Ranchi : पुरी की परंपरा पर आधारित रांची के जगन्नाथपुर मंदिर-प्रांगण में 11 जून को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का महास्नान समारोह पूरे वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच संपन्न होगा.
पुरोहित 51 कलशों से तीनों विग्रहों को पवित्र स्नान करवायेंगे. स्नान के तुरंत बाद भगवान 15 दिनों के एकांतवास में चले जायेंगे. इस अवधि में विग्रहों के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद रहेंगे. 27 जून को पारंपरिक लकड़ी के रथों पर देव यात्रा निकाली जायेगी. ढोल-नगाड़े, शहनाई और आदिवासी मांदर की थाप पर शहर के मुख्य मार्गों से रथ यात्रा शुरू होगी.
जगन्नाथपुर मेले में विशाल झूले आकर्षण का केंद्र होंगे. जहां बच्चों से बुजुर्गों तक के लिए छोटे-बड़े आधुनिक और पारंपरिक झूले दिखेंगे. इसके अलावा ओडिशा, बंगाल एवं झारखंड की रंग-बिरंगी पारंपरिक मिठाइयों की दुकानें सजाई जायेंगी.
मेले में पारंपरिक तीर-धनुष, ढोल-नगाड़ा, मांदर तथा शहनाइयों के अलावा खूंटी-गुमला-लोहरदगा-नगड़ी से लाये गये कुमनी (लकड़ी-बांस से बनी घरेलू वस्तुएं) और ओड़िशा-बंगाल के मछली जाल भी बिक्री के लिए लायी जायेगी.
मंदिर प्रबंधन समिति ने सुरक्षा, चिकित्सा और यातायात के विशेष इंतज़ाम किये हैं. अनुमंडल प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि स्नान-यात्रा व मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने पाये.