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सरकार से बेबस बस्तीवालों का सवाल, क्या झारखंड में गरीबों के लिए जगह नहीं?

Ranchi : राजधानी रांची के हरमू बाईपास रोड पर झारखंड सरकार और HEC (हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) के सुंदरीकरण अभियान ने गरीबों के सिर से छत छीन ली है. सवाल उठ रहा है कि जिन गरीबों को HEC ने 2005 से पहले बसाया था, आज वही HEC क्यों उन्हें उजाड़ने पर आमादा है?

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बस्ती वालों का कहना है कि चुनाव के वक्त उनसे वोट मांगा जाता है, उनके पास बिजली का बिल, राशन कार्ड और अन्य सभी सरकारी कागज मौजूद हैं. बावजूद इसके उन्हें हटाया जा रहा है. न तो कहीं और बसाने की व्यवस्था की गई और न ही मुआवजा दिया जा रहा है. उनका आरोप है कि सरकार गरीबों को उजाड़ कर केवल शहर का सुंदरीकरण करना चाहती है.

 

एक स्थानीय निवासी ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनके एग्जाम सिर पर हैं. हम ठीक से सो भी नहीं पा रहे और न ही खा पा रहे हैं. मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लिए तो घर हैं, क्या हम गरीबों का कोई अस्तित्व नहीं?

 

इधर, HEC का कहना है कि यह VIP रोड है और यहां से रोजाना बड़े अधिकारी गुजरते हैं. झोपड़ियां इस इलाके की सुंदरता बिगाड़ती हैं, इसलिए उन्हें हटाया जा रहा है ताकि क्षेत्र का सुंदरीकरण किया जा सके.

 

गरीबों के सिर से छत छीनने के इस फैसले ने सरकार और HEC की संवेदनहीनता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या झारखंड में गरीबों की जिंदगी और उनका हक कोई मायने नहीं रखता?

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