Ranchi: शुक्रवार को JSSC (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) की स्नातक स्तरीय प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (विज्ञापन संख्या 21/2016) से संबंधित मीना कुमारी एवं अन्य याचिकाकर्ताओं की कुल 258 याचिकाओं पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपक रोशन की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता चंचल जैन और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बहस की. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल ने पक्ष रखा.
याचिका में कहा गया है कि कई अभ्यर्थियों को कटऑफ से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट तैयार नहीं की गई, जिससे कई योग्य अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए.
कई प्रार्थियों का प्राप्तांक, विषयवार एवं कोटिवार रूप से अंतिम चयनित अभ्यर्थियों से अधिक है, लेकिन फिर भी उन्हें नियुक्त नहीं किया गया. वहीं जेएसएससी ने यह दलील दी है कि नियुक्ति राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर की गई है और किसी भी याचिकाकर्ता का अंक चयनित अंतिम अभ्यर्थी से अधिक नहीं है. सभी अभ्यर्थियों का प्राप्तांक मेरिट के अनुसार कम था, इसलिए उनकी नियुक्ति नहीं की जा सकी.
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