Ranchi : झारखंड राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, जिला शाखा लोहरदगा ने 10 दिसंबर को रांची में विरोध धरना–प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया है. यह जानकारी महासंघ के जिलाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश कुमार सिंह ने इक्युलिप्टस मैदान में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए दी.
महेश कुमार सिंह ने कहा कि 4 लेवर कोड मजदूरों के दुश्मन और मालिकों के मित्र हैं. ये चारों श्रम संहिताएं मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज हैं और इन्हें तत्काल रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि सितंबर 2020 में मोदी सरकार ने विपक्ष और किसानों के विरोध के बावजूद तीन कृषि कानून और चार श्रम संहिताएं संसद में बिना पर्याप्त बहस के पारित कर दी थीं.
महेश ने कहा कि किसानों के व्यापक विरोध के कारण कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, लेकिन अब भारत सरकार ने 21 नवंबर 2025 से चारों श्रम संहिताओं को फिर से लागू कर दिया है. उनका पूरा प्रतिरोध जारी है, और कुछ राज्यों जैसे केरल ने इसे लागू करने से मना कर दिया है.
उन्होंने यह भी बताया कि छद्म वेतन, छद्म मजदूरी, छद्म स्वास्थ्य, छद्म सुरक्षा, बच्चों की छद्म शिक्षा, हड़ताल और समझौते के अधिकार का हनन और यूनियन बनाने पर रोक के खिलाफ नगर परिषद लोहरदगा के महासंघ के सदस्यगण विधान सभा (कूटे) मैदान, रांची में आयोजित विरोध थरना–प्रदर्शन में भाग लेंगे.
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