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विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में भाषा व शब्दों का चयन निम्नस्तरीय, SP को जारी किए गए निर्देश

Ranchi: विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब तैयार करने में कोई गलतियां नहीं हो, इसे लेकर जिले के एसपी को निर्देश दिए गए हैं. आईजी मुख्यालय के द्वारा सभी जिले के एसएसपी, एसपी को पत्र लिखकर सूचित करते हुए कहा हैं कि बीते तीन अगस्त को विधानसभा के प्रभारी मंत्री महोदय (गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग) की समीक्षा बैठक हुई थी. 


इस बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं. ये निर्देश विशेष रूप से विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब तैयार करने से संबंधित हैं. इन निर्देशों का उद्देश्य जवाबों की गुणवत्ता और सटीकता में सुधार करना है, ताकि किसी भी तरह की गलती न हो.

 

प्रतिवेदन की भाषा और शब्दों का चयन निम्नस्तरीय है 


एसपी को जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि प्रतिवेदन की भाषा और शब्दों का चयन निम्नस्तरीय है. जिस वजह से उनके कई अर्थ और मायने जाए है. इसमें निर्देश देते हुए कहा गया हैं कि भाषा और शब्दों का चयन आपके प्रतिवेदन की भाषा स्पष्ट और सटीक होनी चाहिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें जिनके कई अर्थ निकल सकते हों. यह सुनिश्चित करें कि आप जिस बात को कह रहे हैं, उसका मतलब बिल्कुल साफ हो. भाषा का स्तर उच्च होना चाहिए ताकि जवाब में कोई अस्पष्टता न रहे.

 

तकनीकी साक्ष्य का विवरण 


जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी केस में तकनीकी साक्ष्य (फोन कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज) शामिल हैं, तो तकनीकी विशेषज्ञ ने उन साक्ष्यों के बारे में क्या राय दी है, इसका पूरा विवरण देना अनिवार्य है. इस विवरण के साथ-साथ सभी संबंधित अभिलेख भी संलग्न होने चाहिए.

 

केस की स्थिति का विवरण 


यदि कोई केस चार्जशीटेड, लंबित या अनुसंधान में है, तो उसकी वर्तमान स्थिति का संक्षिप्त विवरण देना जरूरी है. इसमें यह भी बताया जाए कि केस किस चरण में है और आगे क्या कार्रवाई की जा रही है.

 

महत्वपूर्ण दस्तावेजों का संलग्न करना 


हर केस से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज होते हैं, जिन्हें प्रतिवेदन के साथ अवश्य संलग्न किया जाना चाहिए. इनमें प्राथमिकी, आरोप पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट की प्रतिलिपि शामिल हैं.

 

भूमि अधिग्रहण के मामलों में अतिरिक्त जानकारी 


भूमि अधिग्रहण से जुड़े जिन मामलों में कानून-व्यवस्था की समस्या हुई है, उनमें कुछ और जानकारी भी देनी होगी. इसमें मुआवजे से संबंधित स्पष्ट राय, अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ देनी होगी. इसके अलावा, घटनास्थल की वीडियो और तस्वीरें भी प्रतिवेदन के साथ संलग्न करनी होंगी.

 

ऑफिस प्रमुख को खुद प्रतिवेदन की जांच करके अपने साइन भेजने होंगे


पुलिस मुख्यालय को भेजे जाने वाले पत्र किसी अधीनस्थ अधिकारी के हस्ताक्षर से नहीं भेजे जाने चाहिए. ऑफिस प्रमुख को खुद प्रतिवेदन की जांच करके अपने हस्ताक्षर से ही पत्र भेजने होंगे. लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा से संबंधित मामलों को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दें. 
पत्र मिलते ही  बिना देरी किए स्पष्ट और तथ्यात्मक जानकारी के साथ इसका पालन सुनिश्चित करें. इन सभी निर्देशों का पालन सख्ती से किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की गलती से बचा जा सके और जवाबों की गुणवत्ता में सुधार हो सके.

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