Lagatar Desk : इंटरपोल की मदद से मणिपाल ढिल्ला नामक दुर्दांत अपराधी को कंबोडिया से भारत लाया गया. हरियाणा कोर्ट ने उसे हत्या साहित अन्य आरोपों में आजीवन कारावास की सजा दी थी. सजा काटने के दौरान पैरोल पर जेल से बाहर निकलने के बाद वह फर्जी नाम से बने पासपोर्ट के सहारे विदेश भाग गया था.
मणिपाल ढिल्ला को हत्या के आरोप में वर्ष 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी. इससे पहले भी न्यायालय द्वारा उसे दो मामलों में सजा सुनायी जा चुकी थी. हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान हिसार जेल से वह 17-7-2018 को छह सप्ताह के Parole पर जेल से बाहर निकाला था. उसे 29-8-2018 को जेल में वापस आना था. 
लेकिन वह सोनू कुमार के नाम से बने फर्जी पासपोर्ट के सहारे देश से भाग गया. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने इस अपराधी को पकड़ने में सीबीआई से मदद मांगी. सीबीआई के अनुरोध पर  इंटरपोल ने उसके ख़िलाफ 6-11-2024 को रेड नोटिस जारी किया.
इंटरपोल को उसका लोकेशन बैंकॉक में मिला. इसके बाद सूचना मिली कि वह सोनू कुमार के नाम से बने फर्जी पास्पोर्ट के सहारे कंबोडिया जा रहा है. इस सूचना के बाद इंटरपोल ने 26-3-2025 को कंबोडिया की जांच एजेंसी को उसे गिरफ़्तार करने का अनुरोध किया. 
इसके बाद कंबोडिया ने 24-7-205 को उसे गिरफ़्तार कर प्रत्यपर्ण प्रक्रिया पूरा करने का अनुरोध किया. प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कंबोडिया ने इस अपराधी को हरियाणा पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद उसे आज भारत लाया गया.
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