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25 मई 1927 को कोलकाता धर्म प्रांत से अलग होकर बना रांची आर्चबिशप हाउस

  • -1953 में बिशप हाउस को दिया गया धर्मप्रांत का दर्जा

Ranchi : पुरूलिया रोड स्थित बिशप हाऊस अब इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गया. क्योंकि यह कोलकाता धर्म प्रांत से 25 मई 1927 को विभाजित होकर रांची बिशप हाऊस बनाए गए हैं. 1953 में बिशप हाउस को रांची धर्मप्रांत का दर्जा दिया गया. इससे पहले संत अलबर्ट कॉलेज में आर्चबिशप का कमरा हुआ करता था. उस दौरान प्रथम आर्चबिशप लुईस वानहॉक थे. 

 

ऑष्कर सेबेरियन दूसरे आर्चबिशप थे. इसके बाद निकोलस कुजूर,पायस केरकेट्टा,तिलेस्फोर टोप्पो,फेलेक्स टोप्पो आर्चबिशप रह चुके हैं. वर्तमान में आर्चबिशप विसेंट आइंद हैं.आर्चबिशप हाउस में 40 कमरे हैं. इसके साथ ही सेमिनार हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल और एक चर्च है. जहां बिशप हाउस के फादर अपना विनती करते हैं. इस चर्च के पुरोहित आर्चबिशप हैं.

 

23 दिसंबर को मनाया जाएगा जुबली महोत्सव व क्रिसमस गैदिरंग


दिसंबर से ही ईसाई समुदायों का पर्व शुरू हो जाता है. चर्चों और शैक्षणिक संस्थानों में क्रिसमस संदेश और क्रिसमस गैदरिंग मनाना शुरू हो जाता है. इस बार आर्चबिशप हाऊस में बड़े उत्साह का माहौल होगा. 23 दिसंबर को रोमन कैथोलिक के फादर एसडीसी सभागार में जुबली महोत्सव सह क्रिसमस गैदरिंग एकसाथ मनायेंगे. 


इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. इस उत्सव में करीब सैकड़ों फादर शामिल होंगे. इस अवसर पर कई कार्यक्रम होंगे. जिसमें सबसे पहले प्रार्थना सभा आयोजित होगी. आध्यात्मिक तैयारी का संदेश दिया जाएगा. पाप स्वीकार संस्कार कार्यक्रम होंगे. पवित्र सेक्रामेंट की अराधना होगी. मिस्सा बलिदान होगा. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा.

 

 

 

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