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सर्दियों में बढ़ रहा माइग्रेन व सिरदर्द का खतरा, डॉक्टरों ने दी जरूरी चेतावनी

Ranchi: सर्दियों के आगमन के साथ लोगों में सिरदर्द, चक्कर, हाई बीपी, माइग्रेन और ब्रेन फॉग जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. मौसम में तेज बदलाव दिमाग और नसों पर सीधा असर डालता है, जिससे कई लोग मानसिक और शारीरिक असहजता महसूस करते हैं. 

 

रांची सदर अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ विकास कुमार ने दिमाग पर पड़ने वाले मौसमी प्रभावों, माइग्रेन के बढ़ते केस और इनके समाधान पर विस्तार से जानकारी दी.

 

डॉ कुमार के अनुसार ठंडी हवाएं सिर की मांसपेशियों को अचानक सिकोड़ देती हैं, जिससे सिर में कसने जैसा दर्द, माइग्रेन का तेज होना और गर्दन में जकड़न बढ़ जाती है. सुबह के समय एड्रेनालाइन और कोर्टिसोल का स्तर अधिक रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता है और माइग्रेन के मरीजों में दर्द के तीव्र होने की संभावना बढ़ जाती है.

 

उन्होंने बताया कि ठंड लगने पर सिर में तुरंत टाइट बैंड जैसा दर्द होना सामान्य है. सर्दियों में शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे माइग्रेन मरीजों पर अचानक असर पड़ता है. ठंडी हवा सिर के पीछे वाली नसों पर झटका देती है और दर्द तेजी से ऊपर की ओर फैल सकता है.

 

डॉ कुमार ने यह भी कहा कि सर्दियों में पानी कम पीने से दिमाग का रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे चक्कर, थकान और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. मोबाइल स्क्रीन की ब्राइटनेस, धूप की कमी और नींद की गड़बड़ी भी सिरदर्द बढ़ाने वाले कारक हैं.

 

विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में माइग्रेन और सिरदर्द काफी हद तक इसलिए बढ़ते हैं

• ठंड के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं
• सूरज की रोशनी में कमी से सेरोटोनिन स्तर घट जाता है
• पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन और सूजन होती है
•ठंडी हवाओं का सीधा संपर्क नसों पर तेज दबाव डालता है

 

डॉ कुमार ने राहत के लिए कुछ प्रमुख उपाय भी सुझाए

•सुबह धूप में 10–15 मिनट बैठें
•पानी की मात्रा बढ़ाएं
•अचानक ठंडे माहौल में न जाएं
•सिर और गर्दन को ढककर बाहर निकलें
•स्क्रीन टाइम कम करें और आंखों को आराम दें
•नींद पूरी लें और सोने-जागने का समय नियमित रखें

उन्होंने बताया कि माइग्रेन मरीजों को सर्दियों में अतिरिक्त सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि ठंड, कम रोशनी और डिहाइड्रेशन मिलकर दर्द को गंभीर बना देते हैं. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसी भी तरह का लगातार सिरदर्द, चक्कर या आंखों में तनाव महसूस होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.

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