New Delhi : चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति मामले में बड़ी खबर आयी है. आयुक्तों का चयन करने वाली समिति से सीजेआई को हटाये जाने के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 11 नवंबर को सुनवाई करेगा.
दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बाहर कर दिया गया था. दरअसल कई याचिकाएं जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी. जानकारी के अनुसार समय की कमी के कारण अपनी बारी आने पर भी इस पर सुनवाई नहीं की जा सकी थी. C
CEC राजीव कुमार के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त(CEC) ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति से पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की हामी भरी थी और इसे 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था. हालांकि, मामला 12 फरवरी को सूचीबद्ध नहीं हुआ और फिर इसे 19 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि इससे पूर्व 17 फरवरी को ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदोन्नत हो गये.
CEC ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति के बाद याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से गुहार लगाई कि प्राथमिकता के आधार पर इस मामले में सुनवाई की जाये. दलील दी गया कि आयुक्तों की नियुक्तियां कोर्ट के अनूप बरनवाल मामले में दिये गये फैसले का उल्लंघन करते हुए की जा रही हैं. हालांकि किसी न किसी कारण सुनवाई टलती रही.
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने आज कोर्ट को बताया कि यह मामला समय-समय पर सूचीबद्ध किया जाता रहा, लेकिन इस पर सुनवाई शुरू नहीं हुई. प्रशांत भूषण ने कोर्ट से आग्रह किया कि प्रतिदिन 3-4 घंटे का समय दें.
याचिकाकर्ताओं को अपनी दलीलें पूरी करने में 2 घंटे लगेंगे. प्रशांत भूषण क आग्रह के बाद जस्टिस सूर्यकांत कांत ने कहा कि इस मामले में 11 नवंबर को सुनवाई करने की बात कही.
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