New Delhi : जहां दुनिया भर में मंदी की आहट दस्तक दे रही है, वहीं भारत एक स्थिर, मजबूत और आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है. विश्व बैंक की रिपोर्ट इसी दिशा की ओर इशारा कर रही है. वर्ल्ड बैंक ने चेताया है कि 2024 में ग्लोबल इकोनॉमी की वृद्धि दर 2008 की मंदी के बाद सबसे कम रह सकती है.
बैंक ने हाल ही में वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट (Global Economic Prospects Report) जारी की है, जिसमें वैश्विक मंदी की आशंका जताई गयी है. व्यापार तनाव और नीतिगत अस्थिरता (Policy Uncertainty) के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने की आशंका है. लेकिन भारत के लिए यह रिपोर्ट राहत भरी है. रिपोर्ट में 2025-26 में भारत की GDP Growth 6.3फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.
यह अनुमान भारत की मजबूत मांग, निवेश में स्थिरता और सर्विस सेक्टर के योगदान पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ दर 2025 में घटकर 4.5% और अगले चार साल में सिर्फ 4% रहने की संभावना है. मई में चीन का निर्यात केवल 4.8% बढ़ा, जो अपेक्षाकृत कम है. अमेरिका को निर्यात में 10फीसदी की गिरावट चीन के लिए चिंता का सबब है. पाकिस्तान की बात करें तो वह पहले से ही आर्थिक संकटों से जूझ रहा है.
वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी दी है कि 2024 में ग्लोबल इकोनॉमी की वृद्धि दर 2008 की मंदी के बाद सबसे कम रह सकती है.ग्लोबल ट्रेड में अस्थिरता, नीतिगत अनिश्चितताएं और क्षेत्रीय संघर्षों की वजह से निवेश और विकास दर पर असर पड़ा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2024-25 के दौरान भारत की ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है.
खासकर औद्योगिक उत्पादन में मामूली नरमी देखी गयी है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिर ग्रोथ और ग्रामीण मांग के कारण कृषि उत्पादन में सुधार देखा गया है.