Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को निशाने पर लिया है. कहा है कि पहले दवाइयां, फिर कफ़न और अब राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीज़ों को पानी भी बाहर से ख़रीदना पड़ रहा है, और स्वास्थ्य मंत्री जी चले हैं रिम्स-2 बनाने.
हालात यह हैं कि झारखंड की जनता के स्वास्थ्य को सरकार ने झूठी घोषणाओं और वादों की आड़ में पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया है. रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ पीने के पानी के अभाव में परेशान हैं, और मजबूरी में उन्हें बाहर से पानी ख़रीदकर पीना पड़ रहा है. इतने बड़े अस्पताल की इस हालत के लिए ज़िम्मेदार किसे ठहराएँगे स्वास्थ्य मंत्री जी
एक समाधान यह भी हो सकता है,रिम्स का नाम बदल दीजिए
इसका एक समाधान यह भी हो सकता है कि रिम्स का नाम बदल दीजिए और जो आपके राजनीतिक तुष्टिकरण के सांचे में फिट हो, वही नाम रख दीजिए- क्या पता हालात सुधर जाएं. क्योंकि इस सरकार को तो यही लगता है कि सुविधाओं की नहीं, नाम सुधारने की ज़रूरत है.
हर असुविधा पर लापरवाही का बहाना तैयार रखना इस सरकार के मंत्रियों की आदत बन चुकी है- चाहे वह खाट एम्बुलेंस जैसी शर्मनाक व्यवस्था को सही ठहराना हो या अस्पताल की छत गिरने की घटना को दबाना. अब सवाल ये है कि- राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में पेयजल के अभाव के लिए क्या बहाना देंगे, स्वास्थ्य मंत्री जी
यूरिया की कालाबाजारी ने किसानों की कमर तोड़ दी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रांची सहित पूरे झारखंड में यूरिया खाद की कालाबाजारी ने किसानों की कमर तोड़ दी है. भ्रष्ट अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से खाद की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिसके कारण किसानों को समय पर आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
कई किसानों ने संपर्क कर बताया है कि यूरिया की कमी के कारण वे अपनी फसलों में समय पर खाद नहीं डाल पा रहे हैं. धान की फसल पोषण के अभाव में कमजोर पड़ रही है और उत्पादन पर सीधा असर पड़ रहा है. किसानों की चिंता है कि यदि यही स्थिति रही तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. सीएम से कहा कि बिचौलियावाद को समाप्त कर किसानों तक सीधे और पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए
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