Bokaro : एक तरफ कोरोना के बढ़ते रफ्तार और उसे रोकने के लिए सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगा कर उसकी चेन तोड़नी की कोशिश की जा रही है. तो दूसरी तरफ लापरवाही देखने को मिल रही है. बोकारो में उपयोग किए हुए पीपीई किट को धड़ल्ले से कहीं भी खुले में सड़क किनारे फेंक दिया जा रहा है. जिसे जिले में संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ता दिख रहा है. इस तरह की लापरवाही बोकारो में लगातार जहां-तहां देखने को मिल रही है. बोकारो के सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक ने इसे काफी गंभीर बताते हुए लोगों को ऐसे फेंकने से बचने की सलाह देते हुए कहा है कि इसका डिस्पोजल किया जाना चाहिए.
पिछले दिनों बोकारो में कई जगहों पर मिला पीपीई किट
बता दें कि बोकारो के चास के गरगा पुल, बोकारो जेनरल अस्पताल के समक्ष, जिला मुख्यालय के सामने लोगों की लापरवाही साफ देखने का मिल रही है. लोगों के द्वारा यूज किया हुआ पीपीई किट फेंका जा रहा है. बोकारो में यूज किए हुए पीपीई कीट को इस तरह से लापरवाही से जहां-तहां या फिर सार्वजनिक स्थलों पर फेंका जाना ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लोग अब इसको गंभीरता से नहीं ले रहे है. लोगों को यह पता नहीं है कि यह कितना घातक साबित हो सकता है. जहां-तहां खुले में यूज किए हुए पीपीई किट फेंक देना यह बहुत बड़ी लापरवाही है.
जिला प्रशासन को सख्त आदेश देने चाहिए
इससे संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है. खासतौर पर गरगा पुल के आसपास ऐसे कई पीपीई किट फेंके मिले है. जो लोगों के लिए चिंता का विषय है. इस संक्रमण काल में इस तरह से लापरवाही लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है. लगातार शहर के कई स्थानों पर इस तरह की लापरवाही देखी जा रही है. जिस पर जिला प्रशासन को भी इसको लेकर सख्त आदेश जारी कर कार्रवाई करने की जरूरत है. ताकि लोगों के द्वारा की जा रही लापरवाही को रोका जा सके. और कोरोना के संक्रमण की चेन भी तोड़ा जा सके.