Advertisement

प्लस टू स्कूलों में टीचर की भर्ती पर रोक लगे, पहले नियम ठीक करें :  झारखंड छात्र संघ

 Ranchi :  झारखंड के प्लस टू स्कूलों में होने वाली टीचर की बहाली को लेकर झारखंड छात्र संघ ने कई सवाल उठाए हैं. छात्र संघ का कहना है कि इस भर्ती में कई गलतियां हैं, इसलिए इसे फिलहाल रोक दिया जाये और पहले नियमों को ठीक किया जाये.

 

छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को एक मांग पत्र सौंपा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो विज्ञापन निकाला है, उसमें नियम ठीक से नहीं बनाये गये हैं. कई योग्य अभ्यर्थी इससे बाहर हो सकते हैं.

 

तकनीकी विषयों में बीएड की ज़रूरत क्यों?

 

छात्र संघ ने सवाल उठाया है कि कंप्यूटर, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नये विषयों के लिए बीएड मांगा गया है. लेकिन इन विषयों में बीएड की पढ़ाई ही नहीं होती. ऐसे में योग्य लोग आवेदन नहीं कर पायेंगे.

 

उर्दू टीचर के लिए फाजिल डिग्री को भी मान्यता मिले

 

उर्दू टीचर बनने के लिए सिर्फ पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड को ही योग्य माना गया है. जबकि फाजिल डिग्री को राज्य सरकार पहले ही पोस्ट ग्रेजुएशन के बराबर मान चुकी है. इसलिए जिनके पास फाजिल और बीएड दोनों हैं, उन्हें भी मौका मिलना चाहिए.

 

उम्र सीमा और वेतन में भेदभाव ठीक नहीं

 

छात्र संघ ने कहा कि उम्र की गणना पुराने भर्ती साल (2012 या 2017) के आधार पर होनी चाहिए थी, न कि 2025 से. इससे कई पुराने अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे. वहीं, माध्यमिक आचार्य और पीजीटी टीचर की पढ़ाई और स्कूल स्तर एक जैसे होने के बावजूद दोनों के वेतन में फर्क रखा गया है, जो गलत है.

 

झारखंड के युवाओं को मिले प्राथमिकता

 

छात्र संघ ने मांग की कि सामान्य पदों में 90% सीटें झारखंड के छात्रों के लिए आरक्षित होनी चाहिए, जैसा दूसरे राज्यों में होता है. साथ ही, विज्ञापन में यह साफ लिखा जाना चाहिए कि उम्मीदवार झारखंड का निवासी होना चाहिए.