New Delhi : देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का दूसरा फेज़ शुरू कर दिया है. हालांकि तमिलनाडु में डीएमके और पश्चिम बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस इसका विरोध कर रही है.
इसी बीच खबर आयी है कि देश में वर्तमान में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड अभी भी सक्रिय हैं. याद करें कि आधार कार्ड जनवरी 2010 में लागू हुआ था.142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए थे. जानकारी सामने आयी है कि इतने सालों में 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद अब तग 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हुए हैं.
पश्चिम बंगाल की बात करें तो वहां लगभग 34 लाख आधार कार्ड धारकों दुनिया छोड़ चुके हैं हालांकि, उनके आधार कार्ड वर्तमान में सक्रिय हैं. माना जा रहा है कि इस करण बैंक फ्रॉड, फर्जी खातों सहित सरकारी योजनाओं के लाभ में गड़बड़ी आदि की आशंकाएं जन्म ले रही है.
खबर है कि इस मामले में अब यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) सक्रिय हो गया है. UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने कहा है कि भारत के महापंजीयक (RGI) से अब तक UIDAI को 1.55 करोड़ मृतकों का डेटा मिला है. नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 38 लाख और मृतकों के नाम सामने आये हैं.
इनमें से 1.17 करोड़ की पहचान पुष्ट होने के बाद उनके आधार कार्ड निष्क्रिय किये गये हैं. कहा गया है कि दिसंबर तक 2 करोड़ कार्ड निष्क्रिय कर दिये जायेंगे. बता दें कि UIDAI ने चार माह पूर्व अपनी वेबसाइट पर मृत्यु सूचना पोर्टल शुरू किया था, ताकि परिजन मृतकों का आधार ऑनलाइन निष्क्रिय कर दें.
CEO भुवनेश कुमार का अनुमान है कि 2016 के बाद लगभग 8 करोड़ आधार धारकों की मृत्यु हुई है. देश में जब आधारकार्ड जारी होना शुरू किया गया था तो उस समय देश में सालाना मौतों का आंकड़ा लगभग 56 लाख था. यह आंकड़ा अब 85 लाख तक पहुंच गया है. UIDAI का मानना है कि 2016 से अब तक आठ करोड़ लोगों की मौत हुई है.
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