Ranchi : राज्यपाल-सह-झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को रांची विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 9वीं NAGI अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया.
सम्मेलन का विषय था पृथ्वी का सतत भविष्य: संसाधनों के उपयोग एवं प्रबंधन की उभरती चुनौतियां है. आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि यह विषय केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि मानवता के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण की है.
राज्यपाल गंगवार ने कहा कि वैश्वीकरण, औद्योगिकीकरण और नगरीकरण ने जहां आर्थिक अवसर बढ़ाए हैं. वहीं संसाधनों के अंधाधुंध दोहन, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि संसाधनों का संरक्षण सिर्फ बचत नहीं, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित करने और संतुलित रूप से उपयोग करने की प्रक्रिया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनका लाभ उठा सकें.
उन्होंने झारखंड की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वीरों की भूमि है, जहां धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा सहित कई महान हस्तियों ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया. राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय समाज की प्रकृति-आधारित जीवनशैली सतत विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है. उन्होंने प्रसन्नता जताई कि झारखंड का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रफल आज भी वनाच्छादित है.
अंत में राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के विचार-विमर्श से ठोस सुझाव और कार्ययोजनाएं निकलेंगी, जो नीति-निर्माताओं और योजनाकारों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी.
उन्होंने सम्मेलन की सफलता की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आयोजन पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास की दिशा में ठोस संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा.
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