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त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों का हल्ला बोल,8 सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष दिया धरना

Ranchi :  झारखंड प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि संघ ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को राजभवन के समक्ष जोरदार धरना दिया. इस आंदोलन में राज्यभर से सैकड़ों मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख, वार्ड सदस्य और जिला परिषद प्रतिनिधि शामिल हुए. 

 


जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर पंचायत व्यवस्था की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि तीन साल बीत जाने के बाद भी पंचायतों को 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है. कहा कि राज्य गठन के 25 साल बाद भी गांवों को सशक्त नहीं किया गया है. सत्ता में आने से पहले हर दल पंचायत सशक्तिकरण की बातें करता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद वादे भूल जाता है.

 

 

संघ ने कहा कि जब तक सरकार पंचायतों को उनका अधिकार नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही संघ के नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांगे जल्द नहीं मानी गईं, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा और पंचायतें कामकाज ठप कर देंगी. बता दें कि पंचायत चुनाव 2010 से शुरू हुआ था.

 

इनकी ये मांगे

 

पंचायतों को 15वें एवं राज्य वित्त आयोग की राशि तत्काल जारी की जाए.


आकस्मिक निधन पर जनप्रतिनिधि को 30 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.


बिहार और केरल की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को मासिक मानदेय मिले.


टाइड एवं अनटाइड फंड को आवश्यकता अनुसार खर्च करने व चेक द्वारा भुगतान का अधिकार दिया जाए.


त्रिस्तरीय पंचायतों को वित्तीय शक्तियां बहाल की जाएं.


डीएमएफटी फंड का उपयोग पंचायत व्यवस्था के अनुसार किया जाए.


जनप्रतिनिधियों को 14 विभागों और 29 विषयों में पूर्ण अधिकार मिले.


सांसद-विधायक मद की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी निजी मद दिया जाए.

 

 


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