Ranchi : रांची प्रेस क्लब में आज रिम्स पारा मेडिकल (एनेस्थीसिया तकनीशियन) के छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर प्रेस वार्ता की. छात्रों ने बताया कि झारखंड में 2006 से एनेस्थीसिया तकनीशियन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन लगभग 19 साल बाद भी इनके लिए कोई अस्थायी पद नहीं बनाया गया है. इससे प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं.

छात्रों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर वे स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह से भी जुलाई 2025 में मुलाकात कर चुके हैं. अधिकारियों की ओर से उन्हें आश्वासन तो दिया गया, लेकिन छात्रों का कहना है कि आश्वासनों के अलावा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे निराशा बढ़ रही है. छात्रों द्वारा इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ज्ञापन सौंपा गया है.
छात्रों ने कहा कि एनेस्थीसिया तकनीशियन स्वास्थ्य विभाग के जरूरी हिस्से होते हैं. इमरजेंसी, क्रिटिकल केयर, आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर और पेन एंड पेलिएटिव केयर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इनकी भूमिका बेहद अहम है. इसके बावजूद विभाग में इनके लिए उचित व्यवस्था नहीं बनाई गई है.
उन्होंने मांग की कि वेंटिलेशन तकनीशियन के लिए अब ओटी तकनीशियन की जगह एनेस्थीसिया तकनीशियन को पात्रता में शामिल किया जाए. साथ ही रिम्स की गवर्निंग बॉडी की अगली बैठक में इस मुद्दे को एजेंडा में रखा जाए, ताकि इस पर जल्द फैसला हो सके.
छात्रों ने रिम्स पारा मेडिकल में हॉस्टल की सुविधा शुरू करने की भी मांग रखी, ताकि पढ़ाई के दौरान उन्हें आवास संबंधी परेशानी न हो. उन्होंने झारखंड सरकार से नियमावली के अनुसार एनेस्थीसिया तकनीशियन के अस्थायी पद जल्द सृजित करने की अपील की. उनका कहना है कि पूरे सरकारी स्वास्थ्य विभाग में एनेस्थीसिया तकनीशियन की भारी कमी है, इसलिए नए पद बनाए जाएं और सेवाएं बेहतर की जाएं.
अंत में छात्रों ने कहा कि उनकी यह प्रेस वार्ता विरोध के लिए नहीं, बल्कि अपने हक, अपने भविष्य और झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरतों को सामने रखने के लिए है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment