Ranchi : आदिवासी संस्कृति, इतिहास और ज्वलंत मुद्दों को परदे पर उतारने की तैयारी अब और सशक्त होने जा रही है. खूंटी रोड स्थित घसीबारी गांव के खुले मैदान में ट्राइबल सिनेमा ऑफ इंडिया (टीसीआई) की बैठक में देशभर से जुड़े आदिवासी फिल्मकारों, निर्माताओं और तकनीकी टीम ने नई रणनीति तय की.
बैठक में निर्णय लिया गया कि अब फिल्मों का फोकस आदिवासी समाज से जुड़े मुद्दों, संघर्षों और शहीदों की गाथाओं पर होगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय विषयों पर आधारित बायोग्राफिक और सामाजिक फिल्में बनाने की रूपरेखा तय की गई.
फिल्मकारों ने इस पहल को आदिवासी कलाकारों और रचनाकारों को एक साझा मंच पर लाने का अवसर बताया. बैठक में यह भी तय हुआ कि नई फिल्मों में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि आदिवासी समाज की असली पहचान और संवेदनाएं दर्शकों तक पहुंच सके.
इस मौके पर मोनिका मुंडू, दीपक बाड़ा, सुरेंद्र कुजूर, प्रिंसी संदीप लकड़ा, टॉम मुर्मू, अविनाश बाड़ा, राहुल हेंब्रम, बालेश्वर बेसरा, अनामिका टोप्पो, जेनिफर बाखला, ज्योति वंदना लकड़ा, प्रेमी टोप्पो, आकृति लकड़ा, शालिनी कुल्लू, जयंत दोराईबुरू, सलीम पूर्ति, आनंद हेंब्रम, राकेश रोशन किड़ो सहित कई कलाकार और तकनीशियन मौजूद थे.
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