Ranchi : बोरियो निवासी सूर्या हांसदा की हत्या के खिलाफ विभिन्न सामाजिक आदिवासी संगठनों की बैठक मंगलवार को करम टोली स्थित केद्रीय धुमकुड़िया में हुई. मुख्य पहान जगलाल पहान ने इसकी अध्यक्षता की. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि 23 अगस्त को राजभवन मार्च करने का निर्णय लिया गया है.
सूर्या हांसदा एक सामाजिक कार्यकार्ता था. इसके साथ ही वे राजनीतिक व्यक्ति भी थे, जो समाज के हित में हमेशा काम करते थे. चार बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रह चुके थे. राज्य सरकार के गैर कानूनी काम के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे. इसे कुख्यात अपराधी घोषित कर फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी.
आदिवासी समाज का आवाज दबाने का प्रयास
वक्ताओं ने कहा कि यह आदिवासी समाज की हत्या है. यह एक सामाजिक व्यक्ति, राजनीतिक हत्या है और अबुआ राज्य में जिन्होंने भी गलत के खिलाफ आवाज उठाया है उसकी हत्या कर दी गई है. हमेशा समाज पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले की आवाज को दबाने का प्रयास हो रहा है.
मौके पर जगलाल पहान, बबलू मुंडा, महादेव टोप्पो, संदीप उराव, आरती कुजूर, पिंकी खोया, सोमा उराव, अनीता गाड़ी, रवि मुंडा, नमित हेमरोम, सनी टोप्पो, सोनी हेंब्रम, रितेश उरांव, कमलेश राम, मुन्ना टोप्पो, रोशन मुंडा, सत्यदेव मुंडा, आशीष मुंडा, संतोष मुंडा, मुकेश भगत, नीलकंठ मुंडा, बुधराम बेदिया, उर्मिला उरांव, रूपन कुजूर, सुनीता तिर्की, बंधन तिर्की समेत अन्य शामिल थे.
सूर्या हासंदा की हत्या की सीबीआई जांच के लिए राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
जेएलकेएम नेता देवेद्र महतो ने कहा कि मंगलवार को सूर्या हांसदा का हत्या के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन को सौपा गया. इस दौरान मिडिया को संबोधित किया और कहा कि सूर्या हांसदा का पुलिस मुठभेड़ में निर्मम हत्या कर दी गई है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. 10 अगस्त को सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी होती है.
11 अगस्त को फर्जी पुलिस मुठभेड़ में हत्या हो जाती है. आज 8 दिन बीत चुका है. बावजूद इसकी सीबीआई जांच नही हो पाई है. सूर्या हांसदा प्रखर नेता थे. सूर्या हांसदा के परिजन को मुआवजा और सुरक्षा मुहैया कराया जाए. आदिवासी आंदोलन को दबाने का प्रयास हो रहा है. इसकी हत्या को सड़क से लेकर संसद तक उठाएंगे.
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