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भगवान बिरसा मुंडा के 125वें शहादत दिवस पर कोकर समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि सभा

 Ranchi :   आदिवासी समाज के महानायक और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 125वें शहादत दिवस के अवसर पर सोमवार को कोकर स्थित समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ.

 

यह कार्यक्रम बिरसा के अनुयायी टाना भगत समुदाय, अबुआ अधिकार मंच,  केंद्रीय सरना समिति चडरी,  ऐदलहातू सरना समिति और हातमा सरना टोली समिति के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ.

 

समाधि स्थल पर खूंटी से पहुंचे बिरसा के अनुयायी

 

 बिरसा मुंडा के सैंकड़ों अनुयायी पुरुष, महिलाएं और बच्चे  सफेद वस्त्र धारण कर खूंटी के बंदगांव समेत विभिन्न क्षेत्रों से कोकर समाधि स्थल पर पहुंचे. उन्होंने भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये.

 

मुंडारी भाषा में सामूहिक प्रार्थना के साथ सभी ने अंधविश्वास, नशा, और सामाजिक कुरीतियों से लड़ने तथा बिरसा मुंडा के विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया.

 

पेसा कानून बिरसा मुंडा की प्रेरणा :  बुधवा मुंडा

 

बिरसा अनुयायी  बुधवा मुंडा ने कहा कि पेसा कानून 1996 भगवान बिरसा मुंडा की सोच और संघर्ष का प्रतिफल है. उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ज़मीन से जुड़े अधिकारों से छेड़छाड़ करती है, तो आदिवासी समाज चुप नहीं बैठेगा और फिर से उलगुलान होगा.

 

कार्यक्रम के दौरान बिरसा धर्मावलंबियों ने समाज में फैले अंधविश्वास, डायन-भूत जैसी मान्यताओं के खिलाफ सामाजिक आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया. इस आंदोलन का नेतृत्व बुधवा मुंडा, मंगरा मुंडा और दरगा मुंडा जैसे बिरसा अनुयायी करेंगे

 

 केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा, अबुआ सरकार अंग्रेजों की तरह आदिवासियों पर जुल्म कर रही है.उन्होंने आदिवासी जमीन की लूट, धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप, जबरन धर्मांतरण और सरना स्थलों पर रोकथाम जैसे मुद्दों को लेकर राज्य सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने सरकार पर ब्रिटिश शासन से भी कठोर रवैया अपनाने का आरोप लगाया.

 

जल, जंगल, जमीन के लिए दी शहादत :  शिवा कच्छप

 

केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने स्वाभिमान, स्वतंत्रता और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया.उनका संघर्ष आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत है.

 

कार्यक्रम में महादेव टोप्पो, सुरेंद्र लिंडा, सबलू मुंडा, चिकू लिंडा, मुकेश मुंडा, आशीष मुंडा, विशाल मुंडा, मनीष मुंडा, संतोष मुंडा, नरेश मुंडा, विकास संगा, कुईली उरांव, अन्नु मुंडा, बसंती कुजूर, रीता खलखो, मुनि उरांव, नरेश तिर्की, मंजू खलखो, पिंटू कच्छप समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.