Washington : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों काफी गुस्से में है. वे इस बात पर गुस्सा हैं कि अमेरिका माइक्रोचिप बनाने में पिछड़ा हुआ है. खबर है कि ट्रंप इस बात पर अमेरिकी इंडस्ट्री पर बरसे हैं. इस क्रम में उन्होंने एच-1बी प्रवासी श्रमिकों के प्रति अपने समर्थन का बचाव भी किया.
दरअसल अमेरिका वर्तमान में घरेलू सेमीकंडक्टर चिप बनाने के प्रयास में लगा हुआ है. ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी इंडस्ट्री में सेमीकंडक्टर के विनिर्माण के लिए आवश्यक तकनीक कौशल की कमी है. कहा कि यह एक महत्वपपूर्ण उद्योग है. हालांकि ट्रंप ने दावा किया है कि इस सेक्टर में अमेरिका जोरदार वापसी करेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एच-वन-बी वीजा का समर्थन करते हुए कहा कि विदेशी कामगार हमारे लिए जरूरी हैं, क्योंकि वे अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करते हैं. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, अब अमेरिका में बहुत कम चिप्स बनते हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में अमेरिका फिर से बड़े स्तर पर चिप का निर्माण करेगा.
ट्रंप ने कहा, लेकिन इसके लिए अमेरिकी लोगों को फिर से चिप बनाना सीखना होगा. कहा कि पूर्व में अमेरिका चिप का निर्माण करता था, परन्तु हमने यह उद्योग ताइवान के हाथों गंवा दिया.अहम बात यह है कि पिछले सप्ताह ट्रंप ने फ़ॉक्स न्यूज़ की लॉरा इंग्राहम को दिये साक्षात्कार में एच-1बी वीजा कार्यक्रम का समर्थन किया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार इस वीज़ा को कम महत्व देगी? ट्रंप ने जवाब दिया, हमें बाहर से प्रतिभाशाली लोग लाने ही पड़ेंगे. आपके(अमेरिका) पास कुछ ख़ास तरह की प्रतिभा नहीं है.बेरोजगारी की लाइन में लगे लोगों को अचानक मिसाइल बनाने वाले कारखाने में काम नहीं दिया जा सकता. इसके लिए विशेष कौशल चाहिए.
बता दें कि ट्रंप के बयान के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने एच-वन-बी कार्यक्रम बंद करने की मांग करनी शुरू कर दी है. इस पर व्हाइट हाउस ने साफ किया कि वीज़ा आवेदन पर एक लाख डॉलर की नया फीस व्यवस्था की गड़बड़ियों को रोकने की दिशा में पहला बड़ा कदम है.
ट्रंप ने कहा कि हमें अमेरिकियों को चिप बनाने की ट्रेनिंग देनी होगी. ट्रंप ने माना कि हमारी बेवकूफी है कि हमने चिप वाला कारोबार ताइवान के हाथों गंवा दिया है. इस क्रम में ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी चिप मार्केट जल्द ही उबर जायेगा. उन्होंने आगामी वर्षों में चिप के घरेलू उत्पादन में ग्रोथ का अनुमान लगाया है.
अमेरिका में 2022 चिप्स अधिनियम को खारिज कर दिया गया था, जिसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना था. ट्रंप ने कहा कि चिप्स एक्ट को आपदा करार देते हुए कहा कि सभी चिप बनाने वाली कंपनियां अब वापस अमेरिका आ रही हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा चिप का निर्माण अमेरका में ही किया जायेगा.
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