Ranchi : स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता पर महिलाओं की भूमिका पर हुई चर्चा हुई. झारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस कार्यशाला का विषय था ‘संगठन, स्वास्थ्य, समृद्धि: खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता में महिला समूहों की भूमिका’.
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) ने मिलकर किया. इसमें 14 राज्यों से आए अधिकारी और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
कार्यशाला में मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा कि झारखंड की 32 लाख ग्रामीण महिलाएं बदलाव की प्रतिनिधि बन रही हैं. सरकार की ‘मईया सम्मान योजना’, CLF फंड, ‘दीदी बाड़ी’, ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’ जैसी योजनाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम हैं.
उन्होंने कहा कि सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी है. महिलाएं अब खुद भी जागरूक हो रही हैं और अपने गांव-समुदाय को भी संगठित कर रही हैं.
सेतु दीदी को सम्मान
खूंटी जिले की ‘सेतु दीदी’ क्लेमेंसिया ओर्रा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.
महत्वपूर्ण चर्चा और प्रदर्शनियां
कार्यशाला में पैनल चर्चा, प्रेजेंटेशन और 14 राज्यों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनियों के जरिए नवाचारों को प्रस्तुत किया गया. सभी राज्यों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए.
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
श्रीमती स्मृति शरण (संयुक्त सचिव), डॉ मोनिका (उप सचिव), के श्रीनिवासन (सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड), अनन्य मित्तल (सीईओ, JSLPS) और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित रहे.
आगे की योजनाएं
. ‘रूरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम’ जल्द शुरू होगा
. जोहार परियोजना का दूसरा चरण जल्द आएगा
. फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 36,000 महिलाओं को बिना ब्याज ऋण मिला है
यह कार्यशाला सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं थी, बल्कि जमीनी बदलाव लाने की एक ठोस शुरुआत मानी जा रही है. महिला समूह अब झारखंड की प्रगति का मजबूत आधार बन चुकी हैं.
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