New Delhi : उन्नाव रेप मामले में दो खबरें हैं. पहली यह कि पीड़िता और उनका परिवार आज शनिवार को नयी दिल्ली स्थित CBI ऑफिस पहुंचा. दूसरी खबर यह कि CBI ने 2017 के उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ के फैसले के खिलाफ कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
"IO colluded with judge...": Unnao rape case victim, mother submit complaint to CBI
— ANI Digital (@ani_digital) December 27, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/81rc55JZP7#Unnaorapecase #Cbicomplaint #Kuldeepsengar pic.twitter.com/NsFGjNRRg9
पीड़िता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, उन्होंने सीबीआई कार्यालय में बड़े अधिकारियों से मिलने की मांग की, लेकिन मुझे कहा गया कि आज छुट्टी है.
पीड़िता ने कहा, मुझे सोमवार को ऑफिस बुलाया गया है. कहा कि जूनियर अधिकारी ने उनसे आवेदन ले लिया है. पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आईओ ने उनके साथ गलत किया है. विपक्ष और जज से मिलकर उन्हें जीत दिलाई है. आरोपी चाहते हैं कि रेप पीड़िता हिम्मत हार कर मामले को आगे न बढ़ाये.
पीड़िता की मां ने बताया कि वे लोग आधा घंटा से ऊपर वहां बैठे थे. उन लोगों ने कहा, अधिकारी नहीं हैं. सोमवार को आईए. हम सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हैं.
जान लें कि उन्नाव रेप मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सीबीआई ने उन्नाव मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
अधिकारियों के अनुसार CBI ने 2017 के उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ के आदेश का अध्ययन करने के बाद SC का दरवाजा खटखटाया है. बता दें कि उच्च न्यायालय ने सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत दी है.
हालांकि सेंगर जेल से निकल नहीं पायेगा. उसे बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में 10 साल की सजा मिली है. अहम बात यह है कि सेंगर ने अपनी उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. जबकि सीबीआई और पीड़िता के परिवार ने उच्च न्यायालय में कड़ा विरोध जताया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की उम्रकैद की सजा मंगलवार को निलंबित करते हुए कहा था कि वह पहले ही 7 साल, पांच महीने जेल में काट चुका है.
उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगा दी थी. दरअसल सेंगर ने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनौती दी थी.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment