Search

यूपी पंचायत चुनाव : SC ने सशर्त मतगणना कराने पर मुहर लगायी , कल काउंटिंग

SC ने पूछा, मतगणना कराना जरूरी है क्या? इसे स्थगित नहीं किया जा सकता, कहा कि अगर तीन सप्ताह टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा.

NewDelhi :  सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना कराने  पर मुहर लगा दी है. लेकिन जीत के बाद जश्न पर रोक भी लगा दी है, बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने के लिए याचिका दाखिल की गयी थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा  कि हमने राज्य चुनाव आयोग की बातों पर गौर किया. कहा कि हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते. हालांकि इससे पहले जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय  ने कहा कि राज्य में पहले हालात सुधर जाये उसके बाद ही मतगणना होनी चाहिए, लेकिन बाद में अदालत ने कुछ शर्तों के साथ मतगणना की इजाजत दे दी.

 

प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए

अदालत ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या आपने वर्तमान स्थिति का आकलन किया है? यह एक कोरोना संकमण की गतिशील स्थिति है? सुनवाई के दौरान यूपी चुनाव आयोग की और से ASG ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि प्रशासन ने 829 मतगणना केंद्रों पर पूरा इंतजाम कर लिया है. कोविड नियमों का पालन किया जायेगा. अधिकारियों को कहा गया है कि सभी नियमों का गंभीरता से पालन किया जाये.

इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए. SC ने कहा कि मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू लगे.  SC ने विजय रैलियों पर भी रोक लगा दी है.  सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 2 मई को  कराये जाने का रास्ता साफ हो गया है. खबर है कि हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा. वहां सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जायेगा.

मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद मतगणना कराने का फैसला

जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है. क्या इसे स्थगित नहीं किया जा सकता. कहा कि अगर तीन सप्ताह टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा. जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद मतगणना कराने का फैसला लिया गया है. कहा कि मतगणना टालने से प्रदेश मई के मध्य तक संभावित कोरोना के पीक से पहले इस लड़ाई में पांच लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों से वंचित हो जायेगा.

 अदालत ने सवाल किया कि शिक्षक एसोसिएशन ने याचिका दाखिल की है कि वो काम नहीं करना चाहते हैं. 700 शिक्षकों की मौत हो गयी है. ऐसे हालात से कैसे निपटेंगे? आयोग की तरफ से कहा गया कि जब पंचायत चुनाव की शुरुआत हुई थी तो उस दौरान कोरोना कि दूसरी लहर नहीं आयी थी. यह भयंकर आपदा है जिसका हम सब सामना कर रहे हैं.

 

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp