Lucknow : यूपी के माघ मेले में किसी भी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं रहेगा. यह आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है. अगले साल 2026 में माघ मेला तीन जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा. इस बार माघ मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है.
योगी ने मेले को लेकर शुक्रवार को अपने आवास में समीक्षा बैठक की. बैठक में राज्य के आला अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने माघ मेले को भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का सजीव उदाहरण करार दिया.
योगी ने कहा कि मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराया जायेगा. यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम पर कल्पवास, स्नान और साधना की परंपरा भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा है. बताया कि इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु कल्पवासी होंगे.
राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि महाकुम्भ के सुव्यवस्थित आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को लेकर देश और दुनिया में विशेष उत्साह है. यह मेला समाज को संयम, समरसता और सेवा का संदेश देता है.
अहम बात यह है कि योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यवस्था के तहत आध्यात्मिक गरिमा बनी रहनी चाहिए. उन्होंने गृह विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल ना दिया जाये,. इस संबंध में आवश्यक सूचना जारी करें.
बैठक में प्रयागराज की मंडलायुक्त ने जानकारी दी कि माघ मेला तीन जनवरी से 15 फरवरी,तक कुल 44 दिनों तक चलेगा. मेले में पौष पूर्णिमा, मकर संक्रान्ति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे.
मंडलायुक्त ने कहा कि इन 44 दिनों में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. साथ ही उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की सम्भावना प्रबल है.
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