- महुआ फेस्टिवल में उमड़े आदिवासी उद्यमी,15 जोन में सजे 300 स्टॉल
Ranchi : कालीमाटी 12 माइल खूंटी रोड स्थित सांगा विलेज में बुधवार को महुआ फेस्टिवल की शुरुआत हुई. झारखंड सरकार की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने उद्घाटन किया.
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि महुआ सिर्फ पेड़ या फूल नहीं, आदिवासी जीवन का अहम हिस्सा है. आयोजन स्थल को आदिवासी संस्कृति, परंपरा और रहन-सहन के अनुरूप सजाया गया है. जिससे जीवंत ट्राइबल सेटअप का अनुभव देखा गया.
फेस्टिवल में आदिवासी उद्यमियों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली. करीब 300 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन्हें 15 जोन में बांटा गया है. यहां आदिवासी कला, फेबरिक, लोकसंगीत, हैंडीक्राफ्ट, जनजातीय खानपान, महुआ आधारित उत्पाद, आदिवासी मुद्दों पर आधारित पुस्तकें और फिल्मों तक की झलक देखने को मिल रही है.
पूरे आयोजन की रूपरेखा मंडी एड़पा और ट्राइबकार्ट ने तैयार की है, जिसमें कपिल टोप्पो, बहा लिंडा, मनीष आइंद, रोबिन आइंद सहित टीम की अहम भूमिका है.
फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य महुआ को सुपरफूड के रूप में पहचान दिलाना है. महुआ फूल की पहचान, पारंपरिक प्रसंस्करण और औषधीय महत्व पर आयोजित कार्यशालाओं में लोगों ने दिलचस्पी दिखाई.
पहले दिन महुआ वृक्ष पर आधारित एक विशेष फिल्म दिखाई गई, जिसके बाद हुए पाइका नृत्य ने माहौल को और भी पारंपरिक रंगों से भर दिया. जनजातीय व्यंजनों और महुआ से जुड़ी सांस्कृतिक कहानियों पर विशेषज्ञों ने विस्तृत चर्चा की.
फेस्टिवल 21 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें हर दिन अलग-अलग सांस्कृतिक समूह नृत्य-गीत प्रस्तुत करेंगे. स्थानीय नृत्य दलों से लेकर नागपुरी बैंड. छऊ नृत्य और क्रिसमस म्यूजिक प्रतियोगिता तक की विविध प्रस्तुतियां होंगी. अंतिम दिन ग्रेवेटी बैंड हिंदी, नागपुरी और अंग्रेजी गीतों की प्रस्तुति देगा. सभी मुख्य कार्यक्रम प्रतिदिन शाम पांच बजे से शुरू होंगे.
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