New Delhi : वंकिम चंद्र के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आज सोमवार को लोकसभा में विशेष चर्चा का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने देश की गुलामी का जिक्र किया. पीएम मे कहा कि वंदे मातरम् अंग्रेजों को करारा जवाब था.
आज भी यह गीत भारतवासियों को प्रेरणा देता है. पीएम ने कहा, आजादी के समय महात्मा गांधी को भी यह गीत पसंद था. उन्हें यह गीत नेशनल एंथन के रूप में नजर आता था.
इस क्रम में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हल्ला बोला. उनके निशाने पर पंडित नेहरू थे. पीएम ने कहाकि पिछली सदी में इसके(वंदे मातरम् )साथअन्याय हुआ. पूछा कि वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ. किसने किया. वो कौन सी ताकत थी, जिसकी इच्छा पुज्य बापू की भावनाओं पर भारी पड गयी.
पीएम ने कहा, इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिये. पीएम ने मोहम्मद अली जिन्ना और नेहरू का जिक्र करते हुए कहा, जिन्ना ने लखनऊ में 15 अक्टूबर 1936 को वंदे मातरम् के खिलाफ खुल कर सामने आ गये.
पीएम के अनुसार कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को जिन्ना के रुख से अपनी गद्दी पर संकट नजर आया. पीएम ने आरोप लगाया कि प नेहरू ने वंदे मातरम् को लेकर मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जवाबदेने, निंदा करने के बजाय वंदे मातरम् का पोस्टमार्टम शुरू कर दिया.
इसके बाद जवाहर लाल नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखा. उस पत्र में जिन्ना की भावना से सहमति जताई. लिखा कि वंदे मातरम की आनंदमठ वाली पृष्ठभूमि से मुसलमानो को चोट पहुंचाने वाली है. लिखा कि इसका बैकग्राउंड मुस्लिमों का भड़काने वाला है,
पीएम मोदी ने कहा, इसके बाद कांग्रेस ने 26 अक्टूबर(1936) कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की, जिसमें वंदे मातरम् के उपयोग की समीक्षा की. इसके बाद कांग्रेस ने वंदे मातरम् के कुछ हिस्से निकाल दिये.
पीएम ने कहा, इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिये थे. कहै कि इस प्रस्ताव के खिलाफ लोगों ने देश भर में प्रभात फेरियां निकाली थी
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