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भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर विभिन्न संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

  • बिरसा मुंडा की उलगुलान की विरासत को याद किया
  • कोकर समाधि स्थल, बिरसा मुंडा जेल पार्क व बिरसा बस टर्मिनल पर कार्यक्रम

Ranchi : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को सामाजिक और आदिवासी संगठनों ने श्रद्धांजलि समारोह आयोजित कर धरती आबा को नमन किया. कोकर स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल और खादगढ़ा-बिरसा बस टर्मिनल परिसर में बड़ी संख्या में संगठन के प्रतिनिधि और स्थानीय लोग पहुंचे.

 

केंद्रीय सरना समिति ने किया माल्यार्पण, बिरसा के उलगुलान को याद किया

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा के नेतृत्व में कोकर समाधि स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने बिरसा मुंडा के जन्म, संघर्ष और उलगुलान आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि बिरसा ने जनजातीय समाज को एकजुट कर अंग्रेजों और जमींदारों के अत्याचार के विरुद्ध बड़ा जन-आंदोलन खड़ा किया.

 

अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि बिरसा के विचारों ने आदिवासी समाज में नई चेतना और एकता जगाई है. प्रधान महासचिव अशोक मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक हैं. उनकी जयंती को देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाता है.

 

बिरसा बस टर्मिनल में पाहन द्वारा पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धांजलि दी गई

बिरसा मुंडा बस टर्मिनल, खादगढ़ा में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और चुनवा टोली सरना समिति के संयुक्त तत्वावधान में जयंती समारोह आयोजित किया गया.

 

परिषद के पवन तिर्की ने कहा कि कम उम्र में ही धरती आबा ने आदिवासियों के अधिकार और जमीन बचाने के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया. CNT एक्ट उनकी संघर्ष की देन है.

 

उन्होंने घोषणा की कि आने वाले समय में बस टर्मिनल परिसर में 40 फीट ऊंची बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित करने की योजना है. साथ ही राज्य सरकार से बिरसा मुंडा के परिवार के हित के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने की मांग की.

 

बिरसा के संघर्ष को लोहरा समाज ने किया याद 

उधर, आदिवासी लोहरा समाज ने भी कोकर स्थित समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अभयभुट कुंवर ने कहा कि उलगुलान के दौरान लोहरा समाज ने बिरसा मुंडा को तीर, धनुष और तलवार की आपूर्ति कर सशस्त्र संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

 

उन्होंने कहा कि CNT एक्ट के बावजूद आज भी आदिवासी जमीन सुरक्षित नहीं है. आज फिर एक नए उलगुलान की जरूरत है, ताकि आदिवासियों की जमीन बचाई जा सके.


विश्व हिंदू परिषद ने बिरसा भगवान को किया नमन

विश्व हिंदू परिषद बिरसा चौक एवं नामकुम चौक पर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धासुमन अर्पित किया. श्री राम मंदिर चुटिया में भी रामनगर के कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

 

इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने झारखंड के जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए जान दी. धर्म संस्कृति एवं परंपराओं की रक्षा की.

 

अंग्रेजों से आजीवन संघर्ष किया. जनजाति समाज को अपने अधिकारों और स्वधर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया, सामाजिक चेतना जगाने का काम किया. मातृभूमि के प्रति उनके त्याग और बलिदान ने उन्हें भगवान बना दिया.          

 

मौके पर प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, महंत गोकुलदास, प्रांत मातृशक्ति प्रमुख दीपा रानी, प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख किशुन झा, विभाग मंत्री रवि शंकर राय समेत अन्य शामिल थे.

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