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वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ - मई 29 2022 को 2 बजकर 54 मिनट से लेकर सोमवार 30 मई को शाम 4 बजकर 59 पर समाप्त होगी. वट सावित्री व्रत के दिन सुबह-सुबह दोनों टोकरियों का सामान लेकर बरगद के पेड़ के पास जाएं. सबसे पहले बरगद के पेड़ को जल अर्पित करें. इसके बाद पेड़ पर रोली और कुमकुम का तिलक करें. फिर कच्चा सूत बांधकर बरगद की सात बार परिक्रमा करें. बरगद के वृक्ष की आरती करें और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें. वट सावित्री के व्रत के दौरान महिलाओं को कुछ खास नियमों का पालन करना होता है. माना जाता है कि जो भी महिला वट सावित्री का व्रत रख रही है, उन्हें जरूर इन नियमों का पालन करना चाहिए. इसे भी पढ़े : सुबह">https://lagatar.in/jharkhand-news-morning-news-diary-30-may-2022/">सुबहकी न्यूज डायरी।30 MAY।रास चुनावः आदित्य होंगे BJP प्रत्याशी।खीरु महतो जाएंगे राज्यसभा।सवालों में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन खरीद।पंजाबी सिंगर की हत्या।समेत कई खबरें और वीडियो।
वट सावित्री व्रत से जुड़े कुछ खास नियम
- वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिला को इस दिन नीले, काले या सफेद रंग के कपड़े गलती से भी नहीं पहनने चाहिए.
- इस दिन महिलाओं को काली, सफेद या नीली रंग की चूढ़ियां भी नहीं पहननी चाहिए.
- माना जाता है कि जो महिला पहली बार यह व्रत रख रही हो उसे इस व्रत की शुरुआत अपने मायके से करनी चाहिए. क्योंकि उन्हें सुहाग की सामग्री मायके की ही करनी होती चाहिए.
वट सावित्री व्रत का महत्व
मान्यता है कि माता सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर ले आयी थीं. इस दिन बरगद के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस वृक्ष की पूजा से तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. इसे भी पढ़े : IPL">https://lagatar.in/ipl-2022-final-gujarat-titans-became-champion-rajasthan-royals-dream-shattered/">IPL2022 Final : गुजरात टाइटन्स बनी चैम्पियन, राजस्थान रॉयल्स का सपना टूटा
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