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ग्रामीणों का विरोध तेज, पाकुड़-दुमका के बीच बंद कराया कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम

Dumka :   पाकुड़ से दुमका के बीच कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दिया गया है. यह रोक काठीकुंड प्रखंड के ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे विरोध के चलते लगी है. हालांकि अन्य वाहनों का आवागमन सामान्य है. कोयला ढुलाई बाधित होने से सड़क पर हाईवा और ट्रकों की लंबी कतार लग गई है.

 

बिना भूमि अधिग्रहण व स्थानीय लोगों की अनुमति के किया जा रहा कोयला खनन 

दरअसल ग्रामीण पंचुवाड़ा (पाकुड़) स्थित कोल माइंस से दुमका रेलवे स्टेशन तक कोयला ढुलाई का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर रविवार को ग्राम प्रधान के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने दुमका-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर काठीकुंड प्रखंड मुख्यालय (चांदनी चौक व काठीकुंड बाजार) के पास धरने पर बैठे और कोयला ढुलाई का विरोध किया. ग्रामीणों का आरोप है कि WBPDCL (पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड) बिना भूमि अधिग्रहण और स्थानीय लोगों की अनुमति के आदिवासी जमीन का उपयोग कर कोयला खनन और परिवहन कर रही है. प्रतिदिन 10,000 से अधिक हाईवा व ट्रकों के जरिए लगभग 60,000 टन कोयला ढोया जा रहा है, जिसकी वजह से सड़कों की हालत खराब हो गयी है. धूल और डीजल से पैदा होने वाले प्रदूषण से लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. कई ग्रामीणों को सांस की बीमारी हो गयी है.