New Delhi : महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कथित फर्ज़ी मतदान का विपक्ष का आरोप दम तोड़ता नजर आ रहा है. कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में फर्जी मतदान को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.
I sincerely apologize for the tweets posted regarding Maharashtra elections.
— Sanjay Kumar (@sanjaycsds) August 19, 2025
Error occurred while comparing data of 2024 LS and 2024 AS. The data in row was misread by our Data team.
The tweet has since been removed.
I had no intention of dispersing any form of misinformation.
The very institution whose data Rahul Gandhi leaned on to defame the voters of Maharashtra has now admitted that its figures were wrong — not just on Maharashtra, but even on SIR.
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 19, 2025
Where does this leave Rahul Gandhi and the Congress, which brazenly targeted the Election… pic.twitter.com/4o99YDvsMx
#WATCH | Mumbai: Maharashtra CM Devendra Fadnavis says, "This is a fact that data was given by CSDS, and based on that data, Rahul Gandhi had made allegations on the Election Commission, and also he had accused us of our legitimately elected government. Today, CSDS has tweeted on… pic.twitter.com/IHYmHasXK8
— ANI (@ANI) August 19, 2025
आज मंगलवार को महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट पर सवाल उठाने वाले चुनाव विश्लेषक और लोकनीति CSDS के कोऑर्डिनटर संजय कुमार ने माफी मांग ली. साथ ही अपना पुराना ट्वीट डिलीट कर दिया . बता दें कि संजय कुमार द्वारा जारी आंकड़ों का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी चुनाव आयोग पर हल्ला बोल रहे थे. वोट चोरी का आरोप लगा रहे थे. लेकिन अब मामले ने यू टर्न ले लिया है.
संजय कुमार ने माफी मांगते हुए कहा है कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की तुलना करने में हमसे गलती हो गयी थी. संजय कुमार द्वारा माफी मांगे जाने और अपना ट्वीट डिलीट करने के बाद बाद भाजपा ने मौका नहीं चूका और कांग्रेस पर हल्ला बोल दिया.
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सीएसडीएस के डेटा के आधार पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाये थे. उन्होंने हमारी वैध रूप से चुनी हुई सरकार पर भी आरोप लगाए थे. आज सीएसडीएस ने ट्वीट कर स्वीकार किया है कि उनका डेटा गलत था और उन्होंने अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी है. उन्होंने अपने पहले के सभी डेटा वापस ले लिये हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब सवाल यह है कि क्या उसी डेटा के आधार पर राहुल गांधी के आरोप बहुत बड़े थे. अब क्या राहुल गांधी भी माफ़ी मांगेंगे? मुझे इसकी उम्मीद नहीं है, क्योंकि राहुल गांधी एक सीरियल झूठा हैं. इसलिए वह रोज़ झूठ बोलेंगे. अब वह फिर से उसी डेटा का सहारा लेंगे. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन एक बात बिल्कुल साफ है कि सच्चाई जनता के सामने आ गयी है.
भाजपा के आईटी चीफ अमित मालवीय ने पोस्ट कर कहा, हर चुनाव में यही होता है कि पहले कहा जाता है कि भाजपा हार रही है. जब बाजी पलट जाती है तो इस बात पर चर्चा शुरू कर दी जाती है कि भाजपा आखिर कैसे जीत गयी. यही लोग(चुनाव विश्लेषक) किसी तरह जनता को समझाते हैं कि भाजपा कैसे जीती.
उन्हें लगता है कि टीवी देखने वाली जनता मूर्ख है. आरोप लगाया कि सीएसडीएस ने बिना जांचे-परखे आंकड़े पोस्ट कर दिये और कांग्रेस को महाराष्ट्र में प्रपंच गढ़ने का मौका दे दिया.
मालवीय ने लिखा कि वह संस्थान, जिसके आंकड़ों पर भरोसा कर राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के मतदाताओं को बदनाम किया, अब खुद मान चुका है कि उसके आंकड़े ग़लत थे. न सिर्फ़ महाराष्ट्र पर बल्कि SIR पर भी. तो अब राहुल गांधी और कांग्रेस की क्या स्थिति है, जिसने बेशर्मी से निर्वाचन आयोग को निशाना बनाया और यहाँ तक कि असली मतदाताओं को भी नकली कह दिया? शर्मनाक.
अमित मालवीय ने लिखा, राहुल गांधी को तुरंत बिहार में अपनी घुसपैठिया बचाओ यात्रा छोड़कर भारत की जनता से अपनी गैर-जिम्मेदार और प्रतिगामी राजनीति के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए. यह कोई ईमानदार गलती नहीं थी. यह विश्लेषण नहीं है, यह पुष्टिकरण पूर्वाग्रह है.अब समय आ गया है कि हम संजय कुमार और योगेंद्र यादव जैसे लोगों के पाखंडी उपदेशों को चुटकी भर नहीं, बल्कि नमक की बोरी की तरह लें.
संजय कुमार ने 17 अगस्त को एक्स पर अपने आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया था कि नासिक पश्चिम में मतदाताओं की संख्या 2024 के लोकसभा चुनावों में 328,053 से बढ़कर विधानसभा चुनावों में 483,459 ( 47.38फीसदी) हो गयी. हिंगना में यह संख्या 314,605 से बढ़कर 450,414 हो गयी. यानी 43.08% की बढ़ोतरी हुई.
संजय कुमार ने अपने डिलीट किये गये ट्वीट में यह दावा भी किया था कि महाराष्ट्र की रामटेक विधानसभा नंबर 59 में लोकसभा चुनाव के समय कुल 466203 वोटर थे, जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान यह संख्या घटकर केवल 286931 रह गयी. यानी दोनों चुनाव के बीच वोटरों की संख्या 38 फीसदी तक कम हो गयी.
यह दावा भी किया गया था कि देवलाली विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के दौरान 4,56,072 वोटर थे जो कि विधानसभा चुनाव के दौरान 2,88,141 ही रह गये. ऐसे में 36 फीसदी वोटर कम हो गये. भाजपा ने कहा कि जिन संस्थानों के आंकडों पर राहुल गांधी को भरोसा है, उन्होंने मान लिया है कि उनके आंकड़े ही गलत थे. यह केवल महाराष्ट्र के वोटर्स को बदनाम करने की कोशिश है.
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