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पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल को मिली Y+ श्रेणी की सुरक्षा

Kolkata : पश्चिम बंगाल  में जारी SIR प्रक्रिया के बीच एक अहम खबर आयी है.  खबर यह है कि मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल अब Y+ श्रेणी की सुरक्षा के घेरे में रहेंगे. केंद्र सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है. सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने यह निर्णय खुफिया एजेंसियों की Threat Perception Report के आधार पर लिया है.

 

मनोज अग्रवाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जिम्मे होगी. जान लें कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसी संवेदनशील प्रक्रियाओं में मुख्य चुनाव अधिकारी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है.

 

Y+ सुरक्षा श्रेणी के तहत लगभग 20 सशस्त्र CISF जवान 24 घंटे संबंधित अधिकारी की सुरक्षा में तैनात किये जाते हैं.  CEO  को Y+ श्रेणी की सुरक्षा दिये जाने के कारणों पर नजर डालें तो इसके पीछे कई कारण नजर आते हैं. 

 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में  SIR  प्रक्रिया के दौरान लगातार तनावपूर्ण माहौल बना रहा.  पूर्व में CIO कार्यालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस संभाल रही थी.  लेकिन पिछले माह नवंबर में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के एक समूह ने कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे. 

 


दरअसल बूथ लेवल ऑफिसर्स ने अत्यधिक कार्यभार के विरोध में CIO कार्यालय पर प्रदर्शन किया था. बूथ लेवल ऑफिसर्स CEO मनोज अग्रवाल से मिलना चाहते थे, लेकिन अपॉइंटमेंट न होने के कारण मुलाकात नहीं हो पायी. बाद में  BLO राइट्स प्रोटेक्शन कमिटी ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया.

 


स्थिति को गंभीरता देखते हुए चुनाव आयोग को कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि  CIO कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. बाद में चुनाव आयोग ने कोलकाता स्थित मुख्य चुनाव अधिकारी (CIO) कार्यालय को केंद्रीय बलों की सुरक्षा में लाने का आदेश दिया था.


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इस संबंध में चुनाव आयोग के सचिव सुरजीत कुमार मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल सुब्रह्मण्यम को पत्र लिखा था. इसके बाद CIO ऑफिस को केंद्रीय सुरक्षा दी गयी थी.  

 

एक बात और कि शनिवार 27 दिसंबर से  मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण   (SIR) के तहत सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील चरण के दौरान किसी भी तरह की बाधा से निपटने के लिए केंद्र ने CEO  को Y+ श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया है.

 

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