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शीतकालीन सत्रः सदन में 7721.25 करोड़ का अनुपूरक बजट पास, वित्त मंत्री बोले -  किसी विभाग में पैसे की कमी नहीं

  •  वित्त मंत्री का जवाब शुरू होते ही बीजेपी का वॉकआउट
  • नक्सल नियंत्रित हुआ है खत्म नहीं
  • केंद्र से 28,863. 64 करोड़ रुपए नहीं मिले
  • भारत सरकार ने एसइआर फंड बंद कर दिया

Ranchi: झारखंड विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में ध्वनिमत से 7721.25 करोड़ का अनुपूरक बजट पास हो गया. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर का सदन में जवाब शुरू होते ही बीजेपी ने वॉकआउट किया. वित्त मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से 30 नवंबर तक 67,696.37 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई, जिसमें 66,871 करोड़ रुपए खर्च किए गए. कुल 98.8 फीसदी खर्च किया गया है. 

 

स्टेट ऑन टैक्स के लिए टारगेट 41600 करोड़ रुपए का था, जिसमें 30 नवंबर तक 23,897 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है. वहीं स्टेट टैक्स से 19456 करोड़ वसूली का लक्ष्य है, जिसमें 8565.63 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है. हम आंतरिक संसाधन को मजबूत कर रहे हैं. एडिशनल रेवेन्यू मोबलाइजेशन से पैसे की प्राप्ति कर लेंगे. 


 
केंद्र से 28,863. 64 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं


वित्त मंत्री ने कहा कि 30 नवंबर तक केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 47040 करोड़ में से 30971 करोड़ रुपए ही मिले हैं. वहीं केंद्रीय अनुदान में 17057 करोड़ में 4261.70 करोड़ ही मिला है. इस तरह केंद्र से 28,863. 64 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं.

 

अगर केंद्र पैसा देता तो 450 रुपए में गैस सिलेंडर देते


वित्त मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पैसे देती को 450 रुपए में गैस सिलेंडर भी देते. उज्जवला गैस योजना के तहत 65 लाख लाभुक हैं. हर महीने इतने लाभुकों को गैस सिलेंडर देने में 12 महीने में 2100 करोड़ रुपए खर्च होगा. 

 

झारखंड में बीजेपी की सरकार नहीं है, इसलिए सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. जलजीवन मिशन का 6300 करोड़ रुपए नहीं मिला है. समाज कल्याण का 890 करोड़ रुपए नहीं मिला है. पेंशन का 132 करोड़ रुपए भारत सरकार ने नहीं दिया है. 

 

किसी भी विभाग में पैसे की कमी नहीं है


वित्त मंत्री ने कहा कि किसी भी विभाग में पैसे की कमी नहीं है. एफआरबीएम की सीमा तीन फीसदी से नीचे 2.2 फीसदी है. इंटरनल रिर्सोस डेवलप कर राज्य को आगे ले जा रहे हैं. राज्य के विकास के लिए 16800 करोड़ रुपए ऋण लेंगे. मंईयां सम्मान योजना में 13 हजार 500 करोड़ का बजट है. इसके अलावा 78 हजार करोड़ रुपए जेनरल स्कीम के लिए पड़े हैं पैसों की कोई कमी नहीं है. 

 

यहां के सरकारी कर्मियों को 30 नवंबर को ही वेतन मिल चुका है. लॉ एंड आर्डर प्रति कमिटेंट है. भ्रष्टाचार में लिप्त लोग हेमंत सरकार में जेल के खलाखों के पीछे हैं. हम सिस्टम को कमिटेंट फॉर पब्लिक बनाना चाहते हैं. पुलिसिंग को मजबूत करना चाहते हैं. नक्सल नियंत्रित हुआ है खत्म नहीं. भारत सरकार ने एसइआर फंड बंद कर दिया है. पिछले दो साल में नक्सल क्राइम कम हुआ है.

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