Ranchi : वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के जनसंपर्क एवं प्रसार प्रभाग की ओर से डोरंडा स्थित शौर्य सभागार, जेएपी-1 में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को लेकर जागरूकता पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित हुआ.
कार्यशाला में पर्यावरण विशेषज्ञों ने प्रदूषण के दुष्प्रभाव और उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की. वक्ताओं ने कहा कि दीपावली जैसे त्योहारी मौसम में पटाखों का सीमित उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उत्सव मनाना चाहिए.
कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क एवं प्रसार प्रभाग के एस. के. वर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि लोगों की जागरूकता ही प्रदूषण रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है.कार्यक्रम में पीसीसीएफ (HoFF) अशोक कुमार ने कहा कि दीपावली खुशियों का त्यौहार है. लेकिन इसके साथ कई बुरी आदतें जुड़ गई हैं. उन्होंने कहा कि क्रैकर्स हमारे वातावरण पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, जिससे बुजुर्गों और बच्चों दोनों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती हैं.
हमें अंधविश्वास छोड़कर ज्ञान और पर्यावरण-संरक्षण का उजाला फैलाना चाहिए. उन्होंने सभी से शपथ ली कि वे स्वच्छ और सुरक्षित दीपावली मनाएंगे.डॉ. अभिषेक के. रामाधिन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब हमारे देश का भविष्य हैं.
प्रदूषण नियंत्रण अपने और समाज के हित में जरूरी है. उन्होंने बताया कि 90 डेसिबल से अधिक ध्वनि हमारे कानों को नुकसान पहुंचा सकती है और स्थायी रूप से सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. उन्होंने बच्चों से शोर प्रदूषण से बचने और सुरक्षित ध्वनि स्तर बनाए रखने की शपथ भी दिलाई.कार्यशाला का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करने के उपायों को समाज तक पहुंचाना था
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