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योगी आदित्यनाथ ने कहा, 800-900 सालों में हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ने के बजाय घट गयी, कारण बताया

Lucknow :   उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी संकल्प पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में  कहा कि स्वदेशी अब सिर्फ़ एक नारा या खादी वस्त्रों तक सीमित नहीं रह गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी की इस अवधारणा को एक व्यापक और व्यापक अर्थ दिया है.

 

 

 

भारत में बने उत्पाद, भारतीय श्रमिकों के पसीने से तैयार और भारतीय युवाओं की ऊर्जा और कौशल से निर्मित, वास्तव में स्वदेशी हैं.  यह मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड का सार है.  भारत में निर्मित उत्पाद विश्व स्तर पर उपयोगी हैं और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. 

 


योगी ने कहा कि छोटी-छोटी वस्तुओं से लेकर समुद्री मालवाहक जहाजों तक, पंटून पुलों से लेकर हवाई जहाजों तक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार देश भर में उत्पादन को बढ़ावा दे रही है.  

 

 

यूपी के सीएम ने कहा कि लेकिन कुछ लोगों ने जाति, क्षेत्र, भाषा, कई चीज़ों के आधार पर लोगों को बांट दिया. आज भी वे उसी विदेशी मानसिकता से काम करते हैं,  वे समाज को बांट रहे हैं, मतभेद पैदा कर रहे हैं. वे स्वदेशी अभियान पर उंगली उठा रहे हैं.

 

 

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ऐसा कहा जाता है कि जब इस्लामी आक्रमणकारियों ने पहली बार भारत पर हमला किया था, उस समय और उसके बाद भी वर्ष 1100 तक भारत में हिंदुओं की आबादी 60 करोड़ थी. जब देश को 1947 में आजादी मिली, तब हिंदू आबादी केवल 30 करोड़ थी. 

 

 

योगी ने कहा,  मुझे बताइए, इन 800-900 सालों में हमारी जनसंख्या बढ़नी चाहिए थी या घटनी चाहिए थी?  इसका मतलब यह है कि न सिर्फ़ हमारी जनसंख्या घटी, बल्कि हमारा कृषि उत्पादन भी कम हुआ. योगी ने कहा कि आक्रांताओं द्वारा लोग मारे गये. इसके अलावा भूख, बीमारी और तमाम तरह की यातनाओं से लोगों की मौत हुई.

 

 

यह हमारी जनसंख्या घटने का एक कारण रहा. कहा कि विदेशी गुलामी इसी तरह होती है. इस देश पर अत्याचार और शोषण हुआ. भारत के पास क्या नहीं था? सब कुछ था. लेकिन आज भी हमें बांटने की कोशिशें हो रही हैं. 

 

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