Dilip Kumar
Chandil : टाटा-रांची NH-33 पर चांडिल थाना क्षेत्र के चिलगु और शहरबेड़ा के बीच स्थित एक बंद पुल इन दिनों मौत का जाल बन चुका है. बीते नौ महीनों में इस ब्लैक स्पॉट पर 48 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 27 लोगों की जान जा चुकी है.
इस पुल के बंद होने के कारण फोरलेन के दोनों ओर से आने-जाने वाले वाहनों को केवल एक पुल से गुजरना पड़ता है. इतना ही नहीं इस स्थान पर न तो पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था है, न ही चेतावनी स्वरूप रेडियम साइन. अंधेरे में वाहन चालकों को यह अंदाजा तक नहीं होता कि सामने पुल चालू है या बंद और नतीजा आए दिन राहगीर सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.
अंधेरा होने के कारण पुल के पास बाइक दुर्घटनाग्रस्त
सोमवार की रात तीन युवक (राजेश, सुखदेव और हरि कालिंदी) नीमडीह के जांता गांव से एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर बड़ाबांकी, राजापाड़ा लौट रहे थे. इसी दौरान अंधेरे के कारण सड़क बंद रहने का अनुमान नहीं लगा पाए और उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इस हादसे में राजेश का पैर टूट गया, जबकि बाकी दो को भी गंभीर चोटें आईं.
घटना की सूचना मिलते ही सामाजिक कार्यकर्ता शेखर गांगुली मौके पर पहुंचे और चांडिल थाना की पुलिस को इसकी जानकारी दी. सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और शेखर की मदद से तीनों घायलों को इलाज के लिए एंबुलेंस से एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर भेजवाया.
पुल को शुरू करने के लिए कई बार अधिकारियों से किया आग्रह
सामाजिक कार्यकर्ता शेखर गांगुली के अनुसार, पुल बंद हुए 9 महीने हो चुके हैं. पुल को फिर से आवागमन के लिए चालू करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों और एनएचएआई अधिकारियों से कई बार आग्रह किया. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. बताया कि हर बार एनएचएआई के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर आकर मुआयना करते हैं और चले जाते हैं.