Koderma: जिले में कोविड संक्रमण से बचाव व नियंत्रण के लिए उपायुक्त रमेश घोलप ने आज वर्चुअल माध्यम से सभी प्रखंडों के विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और थाना प्रभारियों से उनके क्षेत्रों की समीक्षा की. उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को 13 मई तक बढ़ा दिया गया है. पूर्व से चल रहे दिशा निर्देश ही इस दौरान भी लागू रहेंगे. ऐसे में उन्हें और भी ज्यादा सचेत और सतर्क रहने की जरुरत है. सरकार के आदेशों का अगर उल्लंघन होता है तो वे इसके साथ सख्ती के साथ निबटेंगे.
इस दौरान यदि किसी भी तरह के जुलूस, सभा या धार्मिक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन होता है. और स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नियमों की अनदेखी की जाती है तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों रूप से भागीदार लोगों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. पूर्व में चेतावनी के बावजूद अगर एक ही गलती को दुहराया जाता है तो अविलंब उनपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें. उपायुक्त ने बताया कि शादी जैसे आयोजनों में अधिकतम 50 लोगों को ही रहने की इजाजत है. इस पर विशेष निगरानी रखी जाय. बारात के अवसर पर अगर डीजे साउंड के कारण अनावश्यक भीड़ होती है तो इसे अविलंब बंद कराएं.
ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक करें, अन्य संगठनों से भी सहयोग लें
उपायुक्त रमेश घोलप ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि, अपने अपने क्षेत्र में कोविड के नियंत्रण व बचाव के साथ साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अनुपालन के लिए ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक कर इसके लिए एक ठोस योजना बनाएं. उपायुक्त ने कहा है कि कोविड महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को आगे आकर कार्य करना होगा. जनप्रतिनिधी, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ के लोग अपने अपने क्षेत्र में कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें. लक्षण का संदेह होने पर शुरुआती दौर में ही टेस्ट कराने के लिए लोगों को प्रेरित करें.
टीकाकरण केंद्र और समय का प्रचार प्रसार हो
उपायुक्त ने कहा है कि कोरोना को रोकने में वैक्सीनेशन मील का पत्थर साबित होगी. वर्तमान में सरकार द्वारा 45 साल से ऊपर वाले लोगों को मुफ्त टिका दिया जा रहा है. टीकाकरण सेंटर और विशेष कैम्प का प्रचार प्रसार एक दिन पूर्व ही उस क्षेत्र में माइकिंग तथा अन्य माध्यमों से हो जाना चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग टिका ले सकें. उपायुक्त घोलप ने बताया है कि टिका खासकर दोनों डोज लेने के बाद शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. ऐसे में कोरोना वायरस से गंभीर स्थिति का पैदा होना न के बराबर रहता है. केवल माइल्ड सिम्टम्स के बाद संक्रमण स्वतः समाप्त हो जाता है. डबल डोज लेने के बाद संक्रमितों में मृत्यु दर न के बराबर है. अतः लोग अपनी स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आगे आकर वैक्सीन लगवाएं.
ग्रामीण क्षेत्र के मृतक परिवार का कोविड टेस्ट हो
उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि यदि किसी के घर मे संदेहास्पद मौत हो तो आवश्यक रूप से उस परिवार और अन्य सदस्यों का कोविड टेस्ट हो. ताकि उसके मौत का कारण जानकर अन्य सदस्यों का जीवन भी सुरक्षित रखा जा सके. साथ ही मृतक की अंत्येष्टि कोविड के गाइडलाइन के अनुरूप ही हो.
पॉजिटिव केस वाले क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाएं
कुछ विशेष क्षेत्रों में अगर ज्यादा पॉजिटिव केस पाए जाते हैं तो वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है. ताकि लोगों को सही जानकारी देकर समय से पूर्व ही संक्रमण की रफ्तार को नियंत्रित किया जा सके. इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश उपायुक्त ने दिया. संक्रमितों की मृत्यु को रोका जा सके. इसके लिए इंसिडेंट कमांडर और स्वास्थ्य विभाग समन्वय स्थापित कर योजना बनाकर कार्य करें. उपायुक्त ने कहा है कि संक्रमितों में खासकर 45साल से ज्यादा के लोगों की मृत्यु को रोकने के लिए जरूरत है कि उनके स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग की जाए. जिला स्तरीय होम आइसोलेशन सेल के साथ प्रखंड स्तर से भी कॉल करके उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखनी चाहिए. ताकि समय से पूर्व ही उनको आवश्यक चिकित्सा सेवा दी जा सके. इसके लिए प्रखंडों में इंसिडेंट कमांडर, थाना प्रभारी और चिकित्सा पदाधिकारी योजना बनाकर कार्य करें.
‘मृत्यु का प्रमुख कारण अंतिम समय में हॉस्पिटल आना’
होम आइसोलेशन के लोग प्रायः अपने ऑक्सिजन का मोनेटरिंग समय समय पर नही करते हैं. जब उनका ऑक्सिजन स्तर बहुत कम हो जाता है और स्थिति गंभीर होने पर वे अस्पताल आते हैं ऐसे में उनको ईलाज कर उनका जीवन बचाना बहुत मुश्किल होता है. उपायुक्त ने होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से अपील की है कि, वे अपना ऑक्सिजन स्तर चेक करते रहें. जैसे ही उनका स्तर 95 से नीचे आ जाये, अविलंब वे अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित इलाज प्रारम्भ कर दें.
‘झोला छाप डॉक्टर पर कार्रवाई हो‘
कोविड महामारी के दौरान कुछ झोला छाप डॉक्टर लोगों को गुमराह करके उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. उपायुक्त ने आमजनों को ऐसे लोगों से सचेत रहने की सलाह दी है. साथ कि कहा है कि लोग रेजिस्टर्ड चिकित्सकों से ही परामर्श लेकर अपना इलाज कराएं. स्वास्थ्य विभाग झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करे.
बहाना करके ड्यूटी से गायब रहने वाले पर कार्रवाई
बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डॉक्टर ए बी प्रसाद ने बताया कि कोविड ड्यूटी में लगे कुछ कर्मी अपने को गलत पॉजिटिव बताकर ड्यूटी से अनुपस्थित हैं. उपायुक्त ने कहा है कि कोविड महामारी के समय इस तरह का कृत्य शर्मनाक है. ड्यूटी में लगे कुछ कर्मी कहीं न कहीं लोगों का जीवन बचाने में लगे हुए हैं. और कुछ लोग बहानेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि अनुपस्थित कर्मी का जांच वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे और उनको प्रमाणपत्र देंगे. यदि किसी ने प्रशासन को गुमराह किया है तो उनपर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
‘स्वास्थ्य केंद्रों पर कराएं कोविड जांच‘
उपायुक्त ने बताया है कि अब नए सरकारी कोविड हॉस्पिटल कोडरमा के माइनिंग कॉलेज में बनाया गया है. लोग यहां आकर इलाज करा सकते हैं. यह हॉस्पिटल कोडरमा पटना हाई-वे के बागीटांड़ स्टेडियम के बगल में है. डोमचांच का कोविड हॉस्पिटल डीसीएचसी को बंद करके यहां शिफ्ट किया गया है. लिहाजा लोग डोमचांच न जाकर इलाज के लिए यहां आएं. बैठक में उप विकास आयुक्त आर रोनिटा ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से प्रखंडवार टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की तथा इसमें और भी तेजी लाने का निर्देश दिया. अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार ने कोरोना से उबरे हुए स्वस्थ लोगों को ब्लड प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है. ताकि कोविड मरीजों के इलाज में इसका उपयोग किया जा सके.
बैठक में मुख्य रूप से उप विकास आयुक्त आर रोनिटा, अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रमोद राम,सिविल सर्जन डॉक्टर ए बी प्रसाद, डॉक्टर मनोज, जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सलकर,जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी सुभाष यादव, जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुबीर कुमार, श्रम अधीक्षक अभिषेक कुमार, मुख्यालय पुलिस अधीक्षक मुख्य रूप से उपस्थित थे.