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नशे का कफ सिरप : रांची में शैली ट्रेडर्स के खिलाफ केस दर्ज, वाराणसी में 100 करोड़ के कारोबार का भंडाफोड़

Ranchi : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में झारखंड के रांची से 100 करोड़ रुपये के कफ सिरप की सप्लाई के मामले में बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है. वाराणसी में कोडिन फॉस्फेटयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री के खिलाफ वहां पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश के कुल 93 थोक विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके बाद शनिवार की देर शाम ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली की शिकायत पर रांची के कोतवाली थाना में 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसमें तुपुदाना थाना क्षेत्र स्थित शैली ट्रेडर्स के मालिक समेत 28 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. शैली ट्रेडर्स पर फेंसेडाइल नामक कफ सिरप की बिक्री करने का आरोप है.

 

उल्लेखनीय है कि फेंसेडाइल कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के रुप में किया जाता है. फेंसेडाइल (Phensedyle) कफ सिरप जहरीला है. यह इंसान के शरीर में तेजी से नशा को बढ़ाता है. धनबाद में बरामद कफ सिरप की जांच में पाया गया था कि इसमें कोडीन (Codeine) की मात्रा एक किलो से कहीं अधिक 4.912 किलो थी. कफ सिरप में इतनी मात्रा में कोडीन हेरोइन जैसा असर करती है.

 

लगातार ने पहले ही किया था खुलासा

 

शैली ट्रेडर्स ने 100 करोड़ के कफ सिरप की सप्लाई की

उत्तर प्रदेश पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोडीन फास्फेट युक्त कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद की गई है. कफ सिरप के स्टॉक की लगातार की जा रही जांच में पता चला है कि रांची के मेसर्स शैली ट्रेडर्स ने वर्ष 2023-25 के दौरान एबोट हेल्थ केयर से करीब 89 लाख रुपये की फेंसाडाइल कफ सिरप की खरीद की थी. शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद और उनके बेटे शुभम जायसवाल ने वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के 93 थोक व्यापारियों को 100 करोड़ रूपये की इस कफ सिरप की सप्लाई की. चौंकाने वाली बात यह है कि इस 100 करोड़ की सप्लाई में से अकेले वाराणसी के 26 मेडिकल स्टोरों पर लगभग 50 करोड़ की कफ सिरप भेजी गई थी.

 

28 लोगों पर मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त के नेतृत्व में वाराणसी में चलाए गए इस अभियान में यह सामने आया कि बनारस सहित प्रदेश के जिन थोक विक्रेताओं को यह कफ सिरप सप्लाई की गई थी, उनके पास विक्रय का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं था. जांच के दौरान कई थोक विक्रेता की दुकानें बंद मिलीं.

 

रांची में इनके खिलाफ प्राथमिकी

  • मेसर्स शैली ट्रेडर्स के संचालक भोला प्रसाद, उनकी बेटा और मेसर्स न्यू वृद्धि फार्मा के संचालक शुभम जायसवाल.
  • वाराणसी के 26 थोक दवा विक्रेता.

 

बड़ा सवाल CID व हटिया-तुपुदाना पुलिस पर

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल झारखंड का अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) और रांची की हटिया-तुपुदाना पुलिस पर है. लगातार मीडिया ने पहले भी कई खबरें प्रकाशित की थी. लेकिन धनबाद के बरवाअड्डा से बरामद कफ सिरप मामले की जांच कर रही सीआईडी और हटिया पुलिस ने शैली ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. 2 नवंबर को रांची के ही मांडर थाना की पुलिस ने भी 13,400 बोतल फेंसेडाइल कफ सिरप बरामद किया. इसके बाद भी रांची पुलिस ने शैली ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. 

झारखंड पुलिस के संवेदनशील व कानून को मानने वाले एक पुलिस पदाधिकारी ने आशंका जतायी है कि निश्चित तौर पर सीआईडी और हटिया-तुपुदाना पुलिस को इसका आर्थिक लाभ मिल रहा होगा. इसके अलावा सीआईडी व पुलिस की चुप्पी का कोई और कारण नहीं हो सकता. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या झारखंड पुलिस बच्चों की मौत होने का इंतजार कर रही है? शनिवार को कोतवाली थाना में भी जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, वह वाराणसी में भंडाफोड़ के बाद ही की गई है. 

 

लगातार ने पहले ही किया था खुलासा

 

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