LagatarDesk : दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियां पिछले कुछ महीनों से चर्चा में हैं. इसका सबसे बड़ा कारण छंटनी है. गूगल, मेटा, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. वहीं टेक कंपनियों में काम करने वाले कई कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है. कभी भी कंपनी अपने कर्मचारियों को मेल के जरिये बाहर का रास्ता दिखा रही है. हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने 10,000 कर्मचारियों को फायर कर दिया. वहीं गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक भी 12000 लोगों को नौकरी से निकालने वाली है. मेटा के 11,000 और अमेजन के 28,000 लोगों की नौकरी पर भी संकट आया है. बाकी कंपनियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. (पढ़ें, सर्दियों में ब्लड शुगर लेवल की समस्या क्यों बढ़ जाती है?)
2022 में एक लाख लोगों की गयी नौकरी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल करीब 1,00,000 लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई थी. नये साल यानी 2023 में भी यह सिलसिला थमा नहीं है. उद्योग जगत में नौकरी पर नजर रखने वाली वेबसाइट लेऑफ डॉट फाई (layoffs.fyi) के अनुसार, 12 से अधिक अमेरिकी टेक कंपनियों ने कहा है कि वे अपने कर्मचारियों की संख्या में 10 फीसदी या उससे अधिक की कटौती करेंगी. टेक कंपनियों में छंटनी के पीछे का कारण आर्थिक मंदी माना जा रहा है. ग्लोबल मंदी की आहट से कंपनियां कॉस्ट कटिंग में जुट गयी हैं.
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सुंदर पिचई ने छंटनी को लेकर कही ये बात
छंटनियों को लेकर टेक कंपनियों के सीईओ (सुंदर पिचाई, मार्क जुकरबर्ग, एंडी जेसी और सत्य नडेला) ने अहम बात कही है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने छंटनी के समय एक ब्लॉग पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि वो इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. कर्मचारियों की छंटनी बहुत जरूरी हो गयी है. गूगल ने बीते दो साल में अच्छी ग्रोथ देखी. जिसकी वजह से कई कर्मचारियों को नौकरी पर रखा. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. पिचाई ने अपने मेल में लिखा कि गूगल पर निवेशकों का दबाव है कि वो अपने खर्च को कम करे. इसके लिए कंपनी ने छंटनी के साथ-साथ कई और कॉस्ट कटिंग उपाय करने शुरू कर दिये हैं.
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जुकरबर्ग ने कहा ‘बदल रही काम की संस्कृति’
फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की मालिक मेटा ने पिछले साल नवंबर में छंटनी का ऐलान किया था. कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी सुंदर पिचाई की तरह इसकी जिम्मेदारी ली थी. कहा था कि कोविड आने के बाद दुनिया तेजी से ऑनलाइन की ओर बढ़ी है. ई-कॉमर्स का चलन बढ़ने से रीवेन्यू ग्रोथ भी हुई. अधिकतर लोगों ने समझा कि ये तेजी हमेशा के लिए आयी है, ये आगे भी जारी रहेगी. मुझे भी ऐसा लगा और इसलिए कंपनी ने अपना निवेश बढ़ा दिया. कंपनी ने तेजी से नयी भर्तियां कीं. दुर्भाग्य से यह उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए छंटनी आखिरी विकल्प है. वहीं ऑपरेशन की संस्कृति में बड़ा बदलाव हो रहा है और ये उसी का हिस्सा है. कंपनी की नयी हायरिंग पर भी रोक जारी रहेगी.
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‘एम्प्लॉइज ही नहीं, ऑफिस भी कम करेगी माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने भी इस महीने की शुरुआत में छंटनी करने का ऐलान किया था. कंपनी अपने 5 प्रतिशत वर्कफोर्स को घटा रही है. कंपनी के सीईओ सत्य नडेला ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि सिर्फ कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जा रही. कंपनी अपने हार्डवेयर पोर्टफोलियो को भी बदल रही है. इतना ही नहीं कंपनी अपनी ऑफिस लीज को घटा रही है. इसके लिए कम वर्कस्पेस में ज्यादा कर्मचारियों से काम करवाने की योजना है. आगे लिखा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में मंदी का असर है. वहीं कई जगहों पर इसके आने की उम्मीद है. इसी के साथ एआई के सहारे नयी कंप्यूटिंग वेव आ रही है, जिसके चलते कंपनी को ये कठिन काम करना पड़ा है.
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