Search

विपक्ष के सवाल और आलोचना साजिश भर नहीं हैं!

Faisal  Anurag

क्या विपक्ष देश को बदनाम करने की साजिश कर रहा है ?  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तो ऐसा ही कहा है. वह भी अमेरिका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार से बात करते हुए. जयशंकर का आरोप है कि भारत के खिलाफ न केवल विपक्ष बल्कि दुनिया के स्तर पर भी कुछ ताकतें सक्रिय हैं. खास कर मौत के आंकड़ो लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर से न केवल केंद्र सरकार बल्कि विदेश मंत्री नाराज हैं. विदेश मंत्रालय ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स को खरीखोटी सुनायी है. विदेश मंत्रालय ने तो यहां तक कह दिया है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर पांच छह लोगों की गपशप है. यह तो तय है कि कोरोना से हुए मौत के आंकड़ों को लेकर लोगों का भरोसा नहीं है. गुजरात के अखबारों ने ही खोज कर दिखाया है कि मरने वालों की वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें- बोकारो">https://lagatar.in/bokaro-negligence-of-officers-50400-sack-wheat-drenched-in-goods-shed-for-24-hours/70232/">बोकारो

: अधिकारियों की लापरवाही, 24 घंटें से गुड्स शेड पर भींग रहा 50400 बोरी गेहूं

राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस काफेंस में जयशंकर की साजिश वाले आरोप का जबाव दिया. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार सूचनाओं और तथ्यों के दमन पर भरोसा रखती है. तथ्य तो यह है कि प्रधानमंत्री तक वास्तविक सूचनाओं के पहुंचने के सारे दरवाजे बंद हैं. सरकार वास्तविकताओं का सामना ही नहीं करना चाहती है. वह यह भी नहीं समझ पायी है कि विपक्ष की भूमिका तो यही है कि वह प्रधानमंत्री और सरकार को तथ्यों से परिचित कराए. विपक्ष के पास सूचना के जो स्रोत हैं, उनके दमन से सरकार को अपनी रणनीति बनाने में मदद नहीं मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें- तमाड़">https://lagatar.in/haradih-budhadih-bridge-over-tamchi-river-costing-crores-in-tamar-demolished/72882/">तमाड़

में कांची नदी पर करोड़ों की लागत से बना हाराडीह बुढ़ाडीह पुल ध्वस्त

विपक्ष के नेता महसूस करते हैं कि साजिश वाली मानसिकता ही वह कारक है, जिसके कारण न तो कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को समझा गया और न ही उससे लड़ने की रणनीति बनायी जा सकी. राहुल गांधी ने तो कहा कि सरकार भले ही साजिश समझे, लेकिन तथ्य तो यह है कि उसके पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है.  नरेंद्र मोदी की सरकार को कभी जेएनयू के छात्र साजिश करते दिखते हैं और कभी सीएए के विरोध में आंदोलन करने वाले. यही नहीं जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ और उसे पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने समर्थन दिया तो जयशंकर सहित अनेक केंद्रीय मंत्रियों को वैश्विक साजिश दिखने लगा था. पॉपस्टार रिहाना के ट्वीट भी साजिश ही दिखे थे.

इसे भी पढ़ें- CM">https://lagatar.in/cm-directs-a-high-level-investigation-into-the-fall-of-haradih-budhadih-bridge-over-the-kanchi-river/76384/">CM

ने कांची नदी पर बने हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल के गिरने की उच्चस्तरीय जांच का दिया आदेश

चूंकि विपक्ष खास कर राहुल गांधी ने कोरोना को लेकर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर को रिट्वीट भी किया था. दुनियाभर की मीडिया में छपी खबरों का असर भारत के विदेश मंत्री की अमेरिका यात्रा पर भी दिख रहा है, जहां उससे कोरोना प्रबंधन को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. जयशंकर तो अमेरिकी नेताओं से कह रहे हैं कि मोदी सरकार अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा भारतीय नागरिकों को मुफ्त में भोजन दिया जा रहा है. जयशंकर के अनुसार, ऐसे लोगों की संख्या 80 करोड़ है. इसके साथ ही मीडिया से बनी धारणा के खिलाफ वे विपक्ष की साजिश करने की प्रवृति को बार-बार कह रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- शेयर">https://lagatar.in/buying-in-the-stock-market-sensex-closed-307-points-higher-reliance-top-gainer/76396/">शेयर

बाजार में लिवाली, सेंसेक्स 307 अंक मजबूत होकर बंद, रिलायंस टॉप गेनर

जयशंकर ने अमेरिका में देश में हिंदुत्व के वर्चस्व के कारण प्रभावित होती भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को ले कर पूछे गए सवालों को भी साजिश और सरकार को बदनाम करने की विपक्ष की योजना का हिस्सा बता दिया. अमेरिकी संसद की धार्मिक स्वतंत्रता विषयक कमेटी ने तो अपनी रिपोर्ट में भारत में अल्पसंख्यकों को ले कर कई बार सवाल उठाए हैं. दरअसल षडयंत्र थिउरी उन तमाम सरकारों का हथियार होता है जो समस्याओं का मुकाबला नहीं कर पाते.

साजिश से परे भी सच्चाई जो देर सबेर अपने होने का अहसास करा ही देती है. सवाल साजिश नहीं होते बल्कि उनका आदर करने का हौसला पैदा करना चाहिए.

[wpse_comments_template]

Follow us on WhatsApp