LagatarDesk : सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने गौतम अडानी को बड़ा झटका दिया है. दरअसल सीआईएल ने कोयला आयात करने के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर निकाला था. इस टेंडर में अडानी इंटरप्राइजेज ने 4033 करोड़ की बोली लगाकर टेंडर हासिल किया था. लेकिन सीआईएल ने इस टेंडर को रद्द कर दिया है. (पढ़ें, हजारीबाग ढेंगा गोलीकांड के खिलाफ दर्ज काउंटर केस की भी CID करेगी जांच, हाईकोर्ट ने दिया आदेश)
24.165 मिलियन टन कोयले के आयात के लिए लगायी थी बोली
इस बोली के तहत अडानी ग्रुप कोल इंडिया की तरफ से 2.416 मिलियन टन कोयले का आयात करता. कंपनी ने 24.16 मिलियन टन कोयले के आयात के लिए करीब 17,000 रुपये प्रति टन की बोली लगायी थी. सबसे कम बोली के कारण अडानी को कोयले की आपूर्ति का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.
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बारा दया एनर्जी को मिला 6 मिलियन टन कोल इंपोर्ट करने का कॉन्ट्रैक्ट
जानकारी के अनुसार, इंडोनेशिया की एजेंसी बारा दया एनर्जी ने मीडियम टर्म के लिए अडानी ग्रुप से 2000 रुपये प्रति टन कम की बोली लगाई थी. इस कंपनी को 6 मिलियन टन कोल इंपोर्ट करने को कहा गया है. कंपनी को 7.91 लाख टन कोयला अगस्त और सितंबर महीने में आयात करने को कहा गया है.
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8 जुलाई को कोल इंडिया के बोर्ड की हुई थी बैठक
सूत्रों के अनुसार, कोल इंडिया के बोर्ड की बैठक 8 जुलाई को हुई थी. जिसमें अडानी द्वारा जीते गये 2.4 मिलियन टन के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने का फैसला किया गया. इसके साथ ही कोल इंडिया ने पश्चिमी तट और पूर्वी तट पर कोयले की आपूर्ति के मध्यम अवधि का कॉन्ट्रैक्ट सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बारा दया एनर्जी को दिया.
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दो तरह का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, पावर क्राइसिस से निपटने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड ने 2 जून को दो तरह का कॉन्ट्रैक्ट जारी करने का फैसला किया था. शॉर्ट टर्म का कॉन्ट्रैक्ट ब्लेंडिंग के मकसद से जारी किया गया था. कोल स्टॉक के लिए मीडियम टर्म का कॉन्ट्रैक्ट जारी किया गया था. कोल इंडिया को सात स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी और 19 प्राइवेट पावर कंपनी ने कोल इंपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. इन कंपनियों के बदले कोल इंडिया 2.416 मिलियन टन कोयले का आयात शॉर्ट टर्म के लिए करने वाली थी. टेंडर जारी करने के बाद कोल इंडिया ने शॉर्ट टर्म टेंडर को कैंसिल करने का फैसला किया है.
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