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Exclusive: पहले उलझाते रहें, जब मार्च आया तो पुलिस मुख्यालय ने बिना टेंडर खरीद ली EVD और NLJD

Ranchi: पुलिस मुख्यालय के स्तर से सुरक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर बरती गई अनियमितताओं में एक मामला एक-एक इवीडी और एनएलजेडी की खरीद का भी है. इवीडी मतलब Explosive Vapor Detector और एनएलजेडी मतलब Non Linear Junction Detector.  इसकी खरीद के लिए जो फाइल बनी, पहले उसे उलझाया गया, फिर मार्च के अंत में बिना टेंडर ही खरीद लिया गया.

 

दोनों उपकरणों की खरीद क्रमशः 30 लाख और 17.46 लाख में की गई थी. Lagatar Media पहले ही यह खुलासा कर चुका है कि दोनों उपकरणों की खरीद दूसरे राज्यों द्वारा खरीदी गई कीमत से अधिक पर की गई. बिना टेंडर हुई खरीद को लेकर 2 जुलाई 2024 को तत्कालीन आईजी प्रोविजन ने एसीबी जांच की अनुशंसा की थी. पर, जांच हुई नहीं.

 

दस्तावेज के अनुसार दोनों उपकरणों की खरीद अरिहंत ट्रेडिंग कारपोरेशन और मेसर्स जेसी माइकल इनकारपोरेशन कंपनी से की गई. दस्तावेज के मुताबिक दोनों कंपनियों के लिए चिराग जैन ही काम देखते हैं. वह पटना के रहने वाले हैं. फाईलों में यह दर्ज है कि दोनों कंपनी के बीच आपस में तालमेल है. उपकरणों की सप्लाई ज्यादा कीमत पर करने के लिए कंपनियों ने एक कार्टेल बना लिया था.

 

बिना टेंडर दोनों उपकरणों को बिना टेंडर खरीदने को लेकर पहले से कोई तैयारी नहीं थी. यह सब अचानक से हुआ. दरअसल, न्यायालयों की सुरक्षा के लिए 5 तरह के उपकरणों की खरीद की जानी थी. इसके लिए संचिका तैयार किया गया था. अचानक से संचिका में यह पूछा गया कि इस वित्तीय वर्ष में इवीडी और एनएलजेडी की खरीद हुई है या नहीं. बाकी तीन उपकरणों के लिए ऐसा कोई सवाल नहीं किया गया.

अब तक आपने पढ़ा...

 

 

इस सवाल पर प्रशाखा पदाधिकारी के द्वारा यह लिखा गया कि दोनों उपकरणों की खरीद वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुई थी. 13 जून 2023 को खरीद का ऑर्डर दिया गया था. अफसर के इस सवाल के जवाब के साथ फाईल पर सभी पांचों उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर जारी करने की अनुशंसा की गई. लेकिन टेंडर नहीं की गई. 

 

टेंडर की अनुशंसा करने के बाद भी जेम पोर्टल पर टेंडर प्रक्रिया शुरु नहीं की जा सकी. टेंडर करने की अनुशंसा तीन मार्च, सात मार्च व नौ मार्च 2024 को की गई थी. 11 मार्च 2024 को यह अनुशंसा की गई कि दोनों उपकरणों की खरीद टेंडर के बदले पूर्व के टेंडर में सफल एल-01 कंपनी से की जा सकती है और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया जाये. तत्कालीन डीजीपी ने इसे अनुमोदित कर दिया, जिसके बाद बिना टेंडर दोनों उपकरणों की खरीद के लिए आदेश जारी किया गया. 

 

बिना टेंडर 30 लाख और 17.46 लाख में सुरक्षा उपकरणों की खरीद जीएफआर 173 व झारखंड वित्तीय नियमों के खिलाफ है. जेम पोर्टल पर भी इस तरह की खरीद का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है. उल्लेखनीय है कि पुलिस मुख्यालय में जो गुमनाम पत्र आया था, उसमें पांच कंपनियों के नाम थे. उन पांच कंपनियों में अरिहंत ट्रेडिंग और जेसी माइकल इनकारपोरेशन का भी नाम था.