Ranchi : तमिलनाडु में चार महीने से फंसीं दुमका की 36 युवतियों की शुक्रवार को घर वापसी होगी. श्रम कंट्रोल रूम की ओर से इन युवतियों का रेस्क्यू किया गया है. सभी तमिलनाडु के तिरुपुर में फंसी हुई थीं. कांट्रैक्टर ने इन युवतियों को तिरुपुर में काम देने की बात की कही थी. युवतियों की वापसी में अलग-अलग क्षेत्र संगठनों ने श्रम कंट्रोल रूम की मदद की है. फूडिंग और स्वच्छता तक शामिल है. मामले में युवतियों की ओर से 30 मई को श्रम कंट्रोल रूम में शिकायत की गयी थी. इसमें बताया गया कि सभी कॉटन ब्लॉज्म नामक कंपनी मे कपड़ा बुनाई का काम करती थीं. बगैर विभाग में रजिस्ट्रेशन के सभी तमिलनाडु गयी थीं. जानकारी दी गयी कि सभी चार महीने से तमिलनाडु में फंसी थीं. इसके बाद कंट्रोल रूम ने दुमका जिला प्रशासन की मदद से युवतियों की जानकारी वेरिफाई कर उनकी वापसी की तैयारी की.
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स्पेशल कोच से लायी जा रहीं लड़कियां
बता दें कि राज्य में श्रम कंट्रोल रूम फिया फाउंडेशन की ओर से संचालित है. कंट्रोल रूम के सदस्यों ने लंबे समय तक ट्रैकिंग के बाद इन बच्चियों को रेस्क्यू कराया. जानकारी मिली है कि सभी लड़कियां बालिग हैं. श्रम कंट्रोल रूम से जानकारी मिली है कि इन बच्चियों की वापसी एलप्पी धनबाद से हो रही है. इन बच्चियों की वापसी के लिए ट्रेन में अलग से कोच की व्यवस्था की गयी है. कंट्रोल रूम से जानकारी मिली है कि बुधवार दिन के एक बजे बच्चियां ट्रेन से रवाना हुईं, जो शुक्रवार सुबह 5:30 में रांची पहुंचेंगी. फिर दिन के 10:30 बजे वे धनबाद पहुंचेंगी, जहां से धनबाद जिला प्रशासन की ओर से बच्चियों को दुमका भेजने की तैयारी की जायेगी.