- स्वास्थ्य विभाग की कई गड़बड़ियों को लेकर बन्ना गुप्ता से की थी शिकायत
- विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
Jamshedpur: विधायक सरयू राय ने कहा है स्वास्थ्य विभाग की गड़बड़ियों की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से करने के कारण डॉ ओपी आनंद पर कार्रवाई हुई है. उन्होंने मुख्यमंत्री को इसे लेकर एक पत्र लिखा है. विधायक ने तीन अहम मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में गड़बड़ियां हो रही हैं. इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले और 72,000 से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को विभाग द्वारा सूचीबद्ध रोगों के उपचार के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है. सहायता राशि सरकार द्वारा अनुबंधित अस्पतालों को अग्रिम भेज दी जाती है, जहां रोगी का उपचार होना है या हो रहा है. लेकिन जमशेदपुर और आदित्यपुर में कुछ ऐसे अस्पतालों को भी चिकित्सा राशि भेज दी गई है जो इसके लिये सरकार की सूची में अनुबंधित नहीं है.
20 जुलाई 2020 को डॉ आनंद ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा था पत्र
सरयू राय ने अपने पत्र में लिखा कि 111 सेव लाइफ अस्पताल के चेयरमैन डॉ ओपी आनंद ने इसके बारे में एक पत्र 20.07.2020 को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को लिखा था और बताया था कि इस योजना के तहत गैर अनुबंधित अस्पतालों को भी चिकित्सा राशि का भुगतान किया जा रहा है, जो नियमानुसार गलत है. इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि डॉ आनंद का यह सवाल उठाना स्वास्थ्य विभाग को रास नहीं आया हो, जिसका खामियाजा वे गिरफ्तारी के रूप में भुगत रहे हैं.
मंत्री के नाम पर बिल माफ कराने के लिए लोग देते थे दबाव
सरयू राय ने पत्र के साथ दो व्हाट्सएप चैट का स्क्रीन शॉट भी संलग्न किया है. यह स्क्रीन शॉट सेव लाइफ अस्पताल द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को 22 अप्रैल 2021 और 29 अप्रैल 2021 को भेजा गया है. इस व्हाट्सएप संवाद में उन्होंने मंत्री से निवेदन किया है कि ‘‘आपका नाम लेकर लोग उनपर बिल माफ करने का दबाव बनाते हैं, अस्पताल बंद कराने की धमकी देते है और बिल नहीं देते हैं.” यह एक गंभीर मामला है. इसकी जांच आवश्यक है. यह स्पष्ट होना चाहिए कि किन लोगों ने 111 सेव लाइफ अस्पताल को बंद करने की धमकी दी है और माननीय मंत्री का नाम लेकर बिल नहीं देने का दबाव बनाया है.
पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन बिना इस्तीफा दिए लड़े थे चुनाव
पत्र के माध्यम से सरयू राय ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि जमशेदपुर के सिविल सर्जन डॉ अरविन्द कुमार लाल सरकारी नौकरी में रहते हुए 2005 में बिहार के झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधान सभा का चुनाव लड़े. उन्होंने नामांकन में यह नहीं बताया कि वे झारखंड सरकार में पूर्वी सिंहभूम के जिला फाइलेरिया पदाधिकारी हैं. सर्वविदित है कि सरकारी सेवा में रहते हुए कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता.
एक ही पार्टी से चुनाव लड़े थे बन्ना और डॉ एके लाल
इसकी सूचना मिलने पर झारखंड सरकार ने कार्रवाई शुरू की. एक पत्र झारखंड सरकार की ओर से बिहार के मधुबनी जिला के जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा या पत्र संलग्न है. इसके बाद क्या हुआ पता नहीं. इस बारे में सरकार ने डॉ एके लाल से स्पष्टीकरण पूछा या नहीं, यह भी पता नहीं. परंतु इतना पता है कि आरोप लगने के बाद भी उनकी प्रोन्नति होती रही, उन्हें सभी प्रकार के लाभ मिलते रहे. प्रोन्नत होकर सम्प्रति वे पूर्वी सिंहभूम जिला के प्रभारी सिविल सर्जन पद पर पदस्थापित है. सरयू राय ने लिखा कि यह मात्र संयोग भी हो सकता है कि राज्य के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी 2005 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही जमशेदपुर पश्चिम से झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़े थे.