Patna: सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार बयान देकर बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाले भाजपा के विधान पार्षद टुन्ना पांडेय को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. इस मामले को लेकर बिहार भाजपा और जदयू में काफी तनातनी हो गई थी. भाजपा के एमएलसी ने मुख्यमंत्री पर जबरन सत्ता हथियाने का आरोप लगाते हुए उनके जेल जाने तक की बात कह दी थी. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने इस मसले पर सीधे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से सवाल पूछा था. जबकि जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री पर अंगुली उठाने वाले की अंगुली तोड़ दी जाएगी.
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पार्टी के कारण बताओ नोटिस को टका जवाब
मामला गरमाने के बाद भाजपा ने अपने विधान पार्षद को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके बाद विधान पार्षद ने अपने रूख में नरमी लाने की बजाय और भी कड़े बयान दिए और कहा कि पार्टी चाहे तो उनपर कार्रवाई कर सकती है. आज सुबह वे राजद के पूर्व सांसद और लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे शहाबुद्दीन के घर चले गए थे. विधान पार्षद ने शहाबुद्दीन की मौत के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था. एमएलसी ने कहा था कि उन्हें परिस्थितियों का मुख्यमंत्री कहे जाने के कारण ही राजद सांसद को तिहाड़ भेजा गया. अपने नेता के रूख को देखते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर BJP के MLC टुन्ना पांडेय के दिए बयान के बाद पार्टी ने उनपर कार्रवाई की है. बीजेपी ने टुन्ना पांडेय को पार्टी से निकाल दिया है. टुन्ना पांडेय ने कहा था कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
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पहले ही अख्तियार कर लिया था अलग रास्ता
विधान पार्षद टुन्ना पांडेय शराब के बड़े कारोबारी हैं. ऐसा माना जाता है कि वे शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री से नाराज रहते हैं. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के समय ही राजद से नजदीकियां बढ़ा दी थी. उन्होंने अपने भाई को राजद से विधानसभा के लिए टिकट दिलवाया और एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार किया. बावजूद बीजेपी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. वे अपने बयान जारी करते वक्त अक्सर राजद के झंडे और बैनर के साथ दिखा करते थे. हालांकि विधान परिषद में उनका कार्यकाल कुछ ही दिनों का बचा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि ताजा बयानबाजी के जरिये उन्होंने राजद में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश की है.
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