Ranchi : बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. कई राज्यों ने भी फैसला लेते हुए स्टेट बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं, मगर जैक बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर अबतक किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है. इन परिस्थितियों में छात्र छात्राओं के मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. बोर्ड ने 17 अप्रैल को कक्षा 10 और 12 की फाइनल परीक्षा स्थगित कर दी थी और कहा था कि वह आगे के निर्णय लेने से पहले एक जून को कोरोना की स्थिति की समीक्षा करेगा. परीक्षा चार मई से 21 मई तक आयोजित की जानी थी. केन्द्र सरकार द्वारा CBSE बोर्ड परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद जैक बोर्ड की परीक्षा को भी तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया था, मगर अबतक इसपर किसी भी तरह का अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
किन-किन राज्यों ने रद्द की परीक्षा
- गुजरात : राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की अध्यक्षता में राज्य बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया
- महाराष्ट्र : महाराष्ट्र सरकार ने भी बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बारहवीं की परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया
- मध्य प्रदेश : बच्चों की जिंदगी को कीमती बताते हुए मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य बोर्ड की 12वीं की परीक्षा स्थगित कर दी
- गोवा : राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्वीट कर जानकारी दी कि व्यापक विमर्श के बाद स्टेट बोर्ड की कक्षा 12 की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है
- राजस्थान : बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा हुई कि महामारी से स्टूडेंट्स भी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में कैबिनेट ने राज्य बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया है.
- उत्तराखंड : 2 जून को उत्तराखंड स्कूल एजुकेशन बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने का एलान किया गया. इसके अलावा यह भी ऐलान किया गया कि सभी स्टूडेंट को प्रमोट किया जाएगा.
- उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश बोर्ड ने भी 12वीं कक्षा की परीक्षा स्थगित कर दी है.
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बढ़ रहा मानसिक तनाव
जैक के 10वीं और 12वीं में शामिल होने वाले छात्रों ने कहा की एक लंबे समय से परीक्षा की तैयारियां करने के बाद अब राज्य सरकार और जैक की लापरवाही की वजह से छात्रों के सब्र का बांध टूट रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के मन में परिणाम को लेकर काफी उम्मीद थी. मगर अब सारी उम्मीदें धरी की धरी नजर आने लगी है. वहीं रिनपास निदेशक, डॉ सुभाष सोरेन ने कहा कि इन परिस्थितियों में मानसिक तनाव उत्पन्न होना लाजिमी है. उन्होंने ये भी कहा कि हर छात्र की मानसिक स्थिति एक नहीं होती, इस वजह से कुछ छात्र-छात्राओं में कई परिवर्तन नजर आने लगती है. उन्होंने कहा कि जैक की परीक्षाओं को लेकर लगातार बच्चों के मन में असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है और अबतक इसी आस में हैं कि जल्द से जल्द परीक्षाओं को लेकर जैक फैसला ले.